एमसीडी, पुलिस चांदनी चौक में खामियों और अवैध गतिविधियों को दूर करे: दिल्ली उच्च न्यायालय
राजकुमार संतोष
- 22 Nov 2024, 08:25 PM
- Updated: 08:25 PM
नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने चांदनी चौक क्षेत्र की खामियों और वहां चल रही अवैध गतिविधियों को शुक्रवार को ‘स्तब्ध करने वाली स्थिति’ करार देते हुए एमसीडी और पुलिस को उन्हें दूर करने का निर्देश दिया ।
उच्च न्यायालय ने वहां की तस्वीरें देखने के बाद कहा कि लोग वहां जुआ खेल रहे हैं और दिल्ली पुलिस कुछ नहीं कर रही है।
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘‘ वहां लोग जुआ खेल रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे नशेड़ी हैं। पुलिस क्या कर रही है, क्या उन्हें जमीनी हकीकत मालूम है? (ऐसे) लोग वहां (सार्वजनिक स्थानों पर) कैसे रह सकते हैं? ’’
पीठ ने कहा, ‘‘आपके (पीडब्ल्यूडी) अधिकारी अपना काम नहीं कर रहे हैं और वहां बहुत हफ्ता वसूली चल रही है। पुलिस अधिकारियों को कुछ पता नहीं है, ऐसा लगता है कि पुलिस असहाय हो गई है। इससे पुलिस की छवि खराब होती है।’’
पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया उसका मत है कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली पुलिस खामियों और अवैध गतिविधियों पर ध्यान दे और कानून का पालन करते हुए यथाशीघ्र उन्हें हटाएं।
उसने एमसीडी, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), शाहजहां पुनर्विकास निगम लिमिटेड, दिल्ली पुलिस और यातायात पुलिस को दो हफ्ते के अंदर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने संबंधित पुलिस उपायुक्त और पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी को अगली सुनवाई के दिन 13 दिसंबर को अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें लालकिला रोड से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना क्षेत्र एवं उसके आसपास के इलाकों की बिल्कुल उपेक्षित, दयनीय स्थिति का उल्लेख किया गया है। इस क्षेत्र में दो मेट्रो स्टेशन भी शामिल हैं।
याचिका में जिन खामियों का उल्लेख किया गया है उनमें बुनियादी ढांचे को नुकसान, रखरखाव और स्वच्छता की कमी, बेघर लोगों, नशेड़ियों और आवारा पशुओं की सार्वजनिक स्थानों पर मौजूदगी शामिल है।
इसमें यह भी कहा गया है कि बिक्री निषिद्ध क्षेत्र में अतिक्रमण समेत रेहड़ी-पटरी पर अवैध और अनियमित खरीद-बिक्री की गतिविधियां जारी हैं।
भाषा
राजकुमार