कर्नाटक उपचुनाव: नतीजे सत्ताधारी और विपक्षी खेमे के लिए अहम
जितेंद्र संतोष
- 22 Nov 2024, 07:18 PM
- Updated: 07:18 PM
बेंगलुरु, 22 नवंबर (भाषा) कर्नाटक में विधानसभा की तीन सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना शनिवार को होगी। तीन सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- जनता दल सेक्युलर गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली।
संदूर, शिग्गांव और चन्नपटना विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को हुआ था और नतीजे दोनों ही खेमे के लिए बेहद अहम हैं।
जद(सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी के लिए यह उपचुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई होगी क्योंकि उनके बेटे निखिल पिछले चुनाव में हार का सामना करने के बाद एक बार फिर से चन्नपटना सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
कुमारस्वामी ने इस वर्ष लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद यह सीट खाली कर दी थी। मतगणना तीन केंद्रों (तीनों खंडों में से एक) पर सुबह आठ बजे शुरू होगी और निर्वाचन अधिकारियों को दोपहर तक नतीजों के बारे में स्पष्ट तस्वीर सामने आने की उम्मीद है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तीनों विधानसभा क्षेत्रों, खासकर मतगणना केंद्रों के अंदर और आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
संदूर, शिग्गांव और चन्नपटना विधानसभा सीट पर उपचुनाव इस लिए जरूरी हो गया था कि इन सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले क्रमश: कांग्रेस के ई तुकाराम, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
चन्नपटना विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सबसे अधिक 31 उम्मीदवार मैदान में थे जबकि शिग्गांव से आठ और संदूर से छह उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में चन्नपटना में 88.81 प्रतिशत, शिग्गांव में 80.72 प्रतिशत और संदूर में 76.24 प्रतिशत मतदान हुआ था। उपचुनाव में संदूर और शिग्गांव सीट पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है तो वहीं चन्नपटना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जद(सेक्युलर) कड़ी टक्कर दे रहा है।
विधानसभा की तीन सीट में से चन्नपटना में सबसे कड़ा मुकाबला माना जा रहा है, जहां टक्कर कांग्रेस के सीपी योगीश्वर और कुमरस्वामी के बेटे व पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी के बीच है।
इस सीट पर कांग्रेस की जीत उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख शिवकुमार व उनके भाई तथा पूर्व सांसद डीके सुरेश के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है ताकि इस सीट पर जीत के साथ वह अपने गृह जिले रामनगर में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें।
शिग्गांव विधानसभा सीट पर बसवराज बोम्मई के बेटे और भाजपा प्रत्याशी भरत बोम्मई का मुकाबला कांग्रेस के यासिर अहमद खान पठान से है। संदूर में कांग्रेस प्रत्याशी ई अन्नपूर्णा का मुकाबला भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष बंगारू हनुमंतु से है। हनुमंतु को पार्टी नेता और पूर्व खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी का करीबी माना जाता है।
उपचुनाव में कांग्रेस की जीत मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के लिए भी संजीवनी साबित हो सकती है क्योंकि एमयूडीए भूमि आवंटन मामले में उनके खिलाफ आरोपों के बाद उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है।
वहीं इस उपचुनाव में भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष विजयेंद्र का भी बहुत कुछ दांव पर लगा है क्योंकि उपचुनाव जीतना उनके लिए पार्टी के भीतर अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए जरूरी है।
भाषा जितेंद्र