उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ में नागरिकों पर अत्याचार के आरोपों की पारदर्शी जांच की मांग की
योगेश रंजन
- 22 Nov 2024, 10:05 PM
- Updated: 10:05 PM
श्रीनगर, 22 नवंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को किश्तवाड़ जिले में सेना द्वारा आम नागरिकों पर अत्याचार के आरोपों की पारदर्शी जांच की मांग की और कहा कि अगर सैनिकों के खिलाफ सबूत हैं, तो इसमें शामिल लोगों का ‘कोर्ट मार्शल’ किया जाना चाहिए।
यह विवाद नगरोटा स्थित '15वीं कोर' द्वारा क्षेत्र के कुआथ गांव के पांच निवासियों पर क्रूर अत्याचार के दावों की जांच की घोषणा के बाद शुरू हुआ।
सोशल मीडिया पर वायरल विचलित करने वाले फुटेज में दिख रहा है कि लोग सही से चल नहीं पा रहे हैं तथा उनके चेहरों पर चोटें हैं।
सेना ने 20 नवंबर को आतंकवादी गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी मिलने पर जिले के मुगल मैदान इलाके में अभियान शुरू किया था।
व्हाइट नाइट कोर ने बाद में नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत को स्वीकार करते हुए कहा, "तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की जा रही है। मामले में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।"
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर इस कृत्य के लिए जिम्मेदार सैनिकों के खिलाफ सबूत हैं, तो उनका तुरंत ‘कोर्ट मार्शल’ किया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे लोगों ने अतीत से कुछ भी नहीं सीखा है।"
अब्दुल्ला ने कहा, "यह पहली ऐसी घटना नहीं है, जब लोगों को शिविरों में बुलाकर पीटा गया हो। मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं कि उनमें से किसी को भी अपनी जान नहीं गंवानी पड़ी। हमने पहले भी ऐसी घटनाएं देखी हैं, जहां लोगों को पुलिस शिविरों में बुलाया गया और उन्हें यातनाएं दी गईं।"
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कथित दुर्व्यवहार में शामिल सैन्य कर्मियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग दोहराई।
उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, "किश्तवाड़ में गंभीर यातना के आरोप हमें इस वर्ष बफलियाज सुरनकोट में हुई घटनाओं की याद दिलाते हैं।"
मुफ्ती ने चार पीड़ितों की पहचान सजाद अहमद, अब्दुल कबीर, मुश्ताक अहमद और मेहराज-उद-दीन के रूप में की और दावा किया कि उन्हें पूछताछ के लिए सेना शिविर में बुलाया गया और उनके साथ अत्यधिक शारीरिक हिंसा की गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों को चोट लग जाने के कारण अस्पताल ले जाना पड़ा।
एक बयान में मुफ्ती ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार से निष्पक्ष जांच करने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की मांग की तथा नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने न्याय सुनिश्चित करने के लिए स्थिति की निगरानी में नागरिक समाज की भागीदारी का भी आह्वान किया।
अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने भी घटना पर चिंता व्यक्त की और क्रूर यातना की खबरों को बेहद परेशान करने वाला बताया तथा इसके लिए व्यापक जांच तथा जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की मांग की।
बुखारी ने कहा, "ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। पीड़ितों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।"
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