ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका-भारत संबंधों में वृद्धि का रुझान जारी रहने की उम्मीद : माइक हैंकी
रंजन रंजन संतोष
- 22 Nov 2024, 03:46 PM
- Updated: 03:46 PM
पणजी, 22 अक्टूबर (भाषा) मुंबई में अमेरिका के महावाणिज्यदूत माइक हैंकी ने शुक्रवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की नई सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के बीच लगातार बढ़ते संबंधों का रुझान जारी रहने की उम्मीद है।
गोवा में एक सवाल का जवाब देते हुए हैंकी ने कहा कि पिछले दो दशकों में सभी प्रशासनों में भारत के साथ आपसी संबंध को और बढ़ाने की प्रवृत्ति रही है, चाहे वह - जॉर्ज बुश, बराक ओबामा, ट्रंप (का पहला कार्यकाल) अथवा जो बाइडन का प्रशासन हो ।
महावाणिज्यदूत ने कहा कि अमेरिका में भारत के छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रौद्योगिकी सहयोग की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है और संस्थानों के साथ शैक्षिक साझेदारी भी दोनों देशों के बीच बढ़ी है।
अगले राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम 20 जनवरी (2025) को प्रशासन में बदलाव करने जा रहे हैं। नई सरकार आ रही है और मैं उस समय नए प्रशासन की नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में बात करूंगा।’’
अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि अभी के लिए, उनके पास राष्ट्रपति जो बाइडन हैं, जिन्हें उन्होंने ‘बहुत सक्रिय’ नेता कहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन होने तक संपूर्ण मंत्रिमंडल पूरी तरह से सशक्त और सक्रिय है।
भारत के साथ संबंधों के बारे में हैंकी ने कहा कि 2008 से अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या के बारे में एक वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के सभी देशों में पहले स्थान पर है।
महावाणिज्यदूत ने कहा, ‘‘पिछले साल 3.3 लाख भारतीय छात्र अमेरिका गए थे।" उन्होंने कहा कि भारत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों और अन्य दूतावासों ने भारतीयों के दस लाख से अधिक वीजा आवेदनों की प्रक्रिया को पूरा किया।
हैंकी ने कहा कि अमेरिका भारतीय वीजा प्रक्रिया के लिए नए तरीकों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी ‘रिमोट प्रोसेसिंग’ के साथ इसे प्रबंधित करने के कुछ नए तरीके अपना रहे हैं।
राजनयिक ने कहा कि अमेरिकी वीजा को नवीनीकृत कराने वाले कुछ लोगों को साक्षात्कार से छूट दिये जाने के बारे में भी बात हुई।
हैंकी ने कहा, ‘‘इनमें से प्रत्येक विधि का उद्देश्य प्रक्रिया को गति देना और यथासंभव कुशल बनाना है...।’’
भाषा रंजन रंजन