गेन बिटकॉइन पोंजी ‘घोटाला’: सीबीआई ने ऑडिट कंपनी के कर्मचारी से की पूछताछ
संतोष रंजन
- 21 Nov 2024, 10:41 PM
- Updated: 10:41 PM
रायपुर, 21 नवंबर (भाषा) केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यहां 6,600 करोड़ रुपये के ‘गेन बिटकॉइन पोंजी घोटाला’ मामले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को ऑडिट कंपनी के कर्मचारी गौरव मेहता से पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय एजेंसी ने अक्टूबर में कथित घोटाले से संबंधित तीन मामले दर्ज किए थे और मेहता को अपनी जांच टीम के सामने जल्द से जल्द पेश होने के लिए कहा था।
मेहता का नाम महाराष्ट्र के राजनीतिक नेताओं की बातचीत से जुड़े कथित टेप में सामने आया था, जिसमें करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरेंसी को भुनाने की चर्चा की गई थी।
इस मामले के सिलसिले में दोपहर से ही मेहता से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने उनसे क्रिप्टोकरेंसी में कथित निवेश से संबंधित टेप और दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की।
अधिकारियों ने कहा कि मेहता से यह भी पूछा गया कि क्या उन्होंने राजनीतिक नेताओं के ‘ऑडियो क्लिप’ साझा किए हैं और यदि हां, तो उनका विवरण दें।
उन्होंने कहा, समझा जाता है कि ऑडिट कंपनी के कर्मचारी से कथित बिटकॉइन लेनदेन में उसकी भूमिका के बारे में पूछा गया।
लगभग 6,600 करोड़ रुपये मूल्य के बिटकॉइन एकत्र करने के आरोप में वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड, दिवंगत अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज और अन्य के खिलाफ विभिन्न राज्यों में पुलिस द्वारा कथित गेन बिटकॉइन पोंजी घोटाले से संबंधित 10 मामले दर्ज किये गये थे जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2023 में सीबीआई को सौंप दिया था।
आरोपियों ने यह रकम क्रिप्टोकरेंसी के रूप में 10 प्रतिशत मासिक रिटर्न देने के झूठे वादे के साथ बहु-स्तरीय-विपणन योजना के माध्यम से एकत्र की थी। बिटकॉइन (एक क्रिप्टोकरेंसी) किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित नहीं है।
कथित आर्थिक धोखाधड़ी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर तब राजनीतिक रंग ले लिया जब भाजपा ने मंगलवार को बारामती सीट से सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के मेहता से बातचीत के कथित ऑडियो क्लिप सुनाए और आरोप लगाया कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मेहता को बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की कार्रवाई का सामना करना पड़ा जब धन शोधन रोधी एजेंसी ने रायपुर में उनके कई परिसर पर छापेमारी की। इसक बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक पूर्व अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने भी दावा किया है कि मेहता ने उन्हें सिग्नल ऐप पर 10 ऑडियो क्लिप प्रदान किए थे, जिसमें सुले, पटोले, आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता (पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त) और भाग्यश्री नवताके (पुणे के डीसीपी (साइबर) रहे) के कथित ऑडियो क्लिप शामिल थे। पाटिल को वर्ष 2018 के क्रिप्टोकरेंसी ‘धोखाधड़ी’ मामले में पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने चुनाव आयोग को एक शिकायत भी भेजी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुले ने मेहता को तीन ऑडियो क्लिप भेजे थे, जिसमें वह कथित तौर पर मेहता से बिटकॉइन भुनाने के लिए कह रही थीं क्योंकि चुनाव के लिए धन की जरूरत थी। पाटिल ने कहा कि इसमें मेहता को आश्वासन दिया गया कि उसे पूछताछ के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि एक बार वे सत्ता में आएंगे तो मामले को संभाल लेंगे।
भाषा संतोष