कर्नाटक : छात्र की टिप्पणी से नाराज मंत्री ने दिए कार्रवाई के आदेश
मनीषा नरेश
- 21 Nov 2024, 12:57 PM
- Updated: 12:57 PM
बेंगलुरु, 21 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने एक छात्र की इस टिप्पणी से नाराज़ हो कर उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए कि ‘‘शिक्षा मंत्री कन्नड़ नहीं जानते।’’
यह घटना कर्नाटक के 25,000 छात्रों को सीईटी, जेईई और नीट परीक्षा देने के लिए मुफ़्त ऑनलाइन कोचिंग प्रदान करने के वास्ते एक कार्यक्रम की शुरुआत के दौरान हुई।
बुधवार को वर्चुअल बातचीत के दौरान, छात्र ने कथित तौर पर कहा कि ‘शिक्षा मंत्री कन्नड़ नहीं जानते।’
स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री पहले तो छात्र की टिप्पणी सुनकर शांत दिखे, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की।
उन्होंने कहा ‘‘ये कौन है? क्या मैं उर्दू में बोल रहा हूँ? टीवी वाले अब इसे दिखाते रहेंगे...। जिसने भी कहा कि मैं कन्नड़ नहीं जानता, इसे रिकॉर्ड करें और उनके खिलाफ़ कार्रवाई करें। यह बहुत बेवकूफ़ी है। उसे शर्म आनी चाहिए।’’
इसके बाद मंत्री ने अपने बगल में बैठे प्रधान सचिव (स्कूल शिक्षा) रितेश कुमार और पीयू (प्री-यूनिवर्सिटी) विभाग की निदेशक सिंधु रूपेश को मामले पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा ‘‘शिक्षक कौन है, बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी)? इसे बहुत गंभीरता से लेना पड़ेगा। किसी ने कहा है कि 'विद्या मंत्री' (शिक्षा मंत्री) कन्नड़ नहीं जानते।’’
इस पर, एक अधिकारी ने संदेह व्यक्त किया कि क्या छात्र ने वास्तव में ऐसी टिप्पणी की थी, जिस पर मंत्री ने जवाब दिया ‘‘हां, हां...उसने ऐसा कहा...आपको कार्रवाई करनी होगी, मैं चुप नहीं बैठ सकता। देखें वह कौन था....।’’
अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि कार्रवाई की जाएगी।
इस मुद्दे पर बंगारप्पा पर निशाना साधते हुए, भाजपा ने उन्हें ‘‘अविद्या मंत्री’’ कहा। पार्टी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया ‘‘आप (मंत्री) ने कहा कि यह ज्ञान का मंदिर है, साहस के साथ सवाल करें। और अब आप किसी ऐसे व्यक्ति को मूर्ख कहते हैं जो सवाल करता है...।’’
एक अन्य पोस्ट में पार्टी ने कहा, ‘‘मधु बंगारप्पा ने पहले खुद कहा था कि उन्हें कन्नड़ ठीक से नहीं आती। अब जैसे ही एक छात्र ने उन्हें यह याद दिलाया, तो उस छात्र के साथ-साथ शिक्षकों और वहां के बीईओ के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देना वाकई मूर्खतापूर्ण है। कांग्रेस का ऐसा तानाशाही रवैया लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।’’
भाषा
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