झारखंड के जामताड़ा में 57 कुष्ठरोगियों ने पहली बार किया मतदान, उम्मीद जताई कि सरकार उनकी सुध लेगी
राजकुमार खारी
- 20 Nov 2024, 08:07 PM
- Updated: 08:07 PM
(संजय कुमार डे)
जामताड़ा (झारखंड), 20 नवंबर (भाषा) झारखंड विधानसभा चुनाव में बुधवार को जामताड़ा में 57 कुष्ठरोगी मतदाताओं ने पहली बार वोट डाला और उम्मीद जतायी कि नयी सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करेगी।
उन्होंने बुधवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के दौरान मिहिजाम के स्नेहपुर सामुदायिक भवन में उनके लिए बनाए गए एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
झारखंड में जामताड़ा की स्नेहपुर कुष्ठरोग कॉलोनी के रोगी टिंकू पंडित (36) ने पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और समाज में निचले पायदान पर खड़े तबके की जिंदगी में सुधार की उम्मीद जताई।
पंडित ने मिहिजाम के स्नेहपुर सामुदायिक भवन में कॉलोनी के 57 कुष्ठरोगियों के लिए स्थापित एक समर्पित मतदान केंद्र (संख्या-362) पर वोट डाला।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह पहली बार है जब जिला प्रशासन ने हमारे लिए यहां एक समर्पित मतदान केंद्र स्थापित किया है। मैंने भी पहली बार अपना वोट डाला है। मुझे उम्मीद है कि मेरा वोट एक रचनात्मक सरकार बनाने में मदद करेगा, जो हमारा ख्याल रखेगी। कुष्ठ रोग से ग्रस्त होने के बावजूद मैं अब भी पेंशन से वंचित हूं।’’
उन्होंने कहा कि उन लोगों की मांग है कि सरकार पेयजल तथा बिजली जैसी सुविधाओं के साथ पक्का मकान दे।
बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) उज्ज्वल कुमार महतो ने बताया कि कॉलोनी के सभी 57 पंजीकृत मतदाताओं ने समर्पित मॉडल मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘कॉलोनी में 31 पुरुष और 26 महिला मतदाता हैं। यह पहली बार था जब निर्वाचन आयोग के ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’ के आदर्श वाक्य के तहत उनके लिए एक समर्पित मॉडल मतदान केंद्र स्थापित किया गया था।’’
कुष्ठ रोग कॉलोनी के अन्य मतदाता सुभाष पटनायक (51) ने कहा कि मतदान केंद्र को गुब्बारों और अन्य सजावटी चीजों से सजाया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें मतदान केंद्र पर भोजन भी कराया गया। कॉलोनी के मतदाताओं के लिए यह एक शानदार दिन था।’’
पटनायक ने कहा, ‘‘कॉलोनी के निवासियों को सरकार द्वारा कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। हम कॉलोनी में कुष्ठ रोगियों की पट्टी किए जाने की व्यवस्था चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि वह कुष्ठ रोग से पीड़ित नहीं हैं, लेकिन उनके पिता कुष्ठ रोगी थे।
भाषा
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