कर्नाटक ने 22.62 लाख अयोग्य बीपीएल कार्डधारकों की पहचान की; विपक्ष ने सरकार को घेरा
खारी अविनाश
- 20 Nov 2024, 07:03 PM
- Updated: 07:03 PM
बेंगलुरु/कोलार, 20 नवंबर (भाषा) कर्नाटक सरकार ने राज्य में ऐसे 22.62 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्डधारकों की पहचान की है जो इसके पात्र नहीं हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस साल अगस्त में किए गए एक सर्वेक्षण में 22,62,482 बीपीएल कार्डधारकों का पता चला जो इसके लिए पात्र ही नहीं है। सरकार अब इन कार्ड को निरस्त करने पर विचार कर रही है।
बीपीएल कार्डधारकों को अन्न भाग्य योजना के तहत परिवार के हर सदस्य के लिए प्रति माह 10 किलोग्राम खाद्यान्न के साथ ही कांग्रेस नीत सरकार की गृह लक्ष्मी योजना के तहत परिवारों की महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाता है।
इस कदम का बचाव करते हुए, कर्नाटक के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री के एच मुनियप्पा ने कहा कि दक्षिणी राज्यों में आमतौर पर 50 प्रतिशत से अधिक आबादी बीपीएल कार्डधारकों की श्रेणी में नहीं आती।
मुनियप्पा ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक कर राजस्व देने वाले राज्य कर्नाटक में 75-80 प्रतिशत आबादी को बीपीएल की श्रेणी में रखना अवास्तविक है। इसलिए, हमें इन कार्ड को रद्द करना होगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन कार्डों को समाप्त नहीं कर रही है, बल्कि इन्हें गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) कार्ड के रूप में पुन:वर्गीकृत कर रही है।
मुनियप्पा के अनुसार, सरकारी नौकरी करने वाले, आयकर देने वाले या 1.2 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले व्यक्ति बीपीएल कार्ड के पात्र नहीं हैं।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे को उठाया और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की।
विपक्ष के नेता आर अशोक, पूर्व उपमुख्यमंत्री सी एन अश्वथ नारायण और के गोपालैया सहित अन्य नेताओं ने बेंगलुरु में एक मार्च का नेतृत्व किया और प्रभावित बीपीएल परिवारों से मुलाकात की तथा राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
भाषा खारी