भाजपा ‘हेराफेरी’ के जरिए चुनाव जीतने के लिए प्रशासन पर दबाव बना रही है: अखिलेश का आरोप
किशोर जफर नोमान खारी
- 20 Nov 2024, 05:23 PM
- Updated: 05:23 PM
लखनऊ, 20 नवंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया गया कि वह उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव ‘‘हेराफेरी के जरिए’’ जीतने के लिए प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में ‘‘अनियमितताओं’’ के बारे में निर्वाचन आयोग से शिकायत की है।
राज्य में नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा है।
यहां यादव संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने करहल, सीसामऊ, मीरापुर, कुंदरकी और फूलपुर, मझवां सहित विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में अनियमितताओं के बारे में शिकायतें दर्ज कराई हैं। इसके बावजूद ऐसा लगता है कि निर्वाचन आयोग (ईसी) इन पर आंखें मूंदे हुए है। ऐसा प्रतीत होता है आयोग की संवेदनाएं अब काम नहीं कर रही हैं।’’
यादव ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा इन उपचुनावों को वोट के जरिए नहीं, जोड़-तोड़ के जरिए जीतना चाहती है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि हार के डर से भाजपा प्रशासन पर अनुचित तरीके से काम करने का दबाव बना रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे मतदान केंद्रों पर जाएं, सिर्फ एक बार नहीं बल्कि कई बार और तब तक वहीं रहें जब तक वे अपना वोट न डाल दें। यह हमें दिया गया अधिकार है और हर किसी को इसका इस्तेमाल करना चाहिए।’’
उन्होंने सपा की पिछली शिकायतों के जवाब में जारी निर्वाचन आयोग के निर्देशों का भी हवाला दिया और कहा, ‘‘आयोग (निर्वाचन आयोग) ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि पुलिस किसी को नहीं रोक सकती, तलाशी नहीं ले सकती या पहचान पत्र नहीं देख सकती। इसके बावजूद, भाजपा बेईमानी का सहारा ले रही है क्योंकि उन्हें पता है कि वे जनता का समर्थन खो रहे हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘उनके अपने ही कई लोग विरोध कर रहे हैं। उनके मतदाताओं का उनसे मोह भंग हो रहा है और यहां तक कि उनके खिलाफ मतदान भी कर रहे हैं। भाजपा हमारे समर्थकों को मतदान करने से रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही है क्योंकि उनके अपने मतदाता मतदान करने नहीं आ रहे हैं।’’
यादव ने जोर देकर कहा कि भाजपा की हताशा सत्ता पर उसकी पकड़ कमजोर होने का संकेत देती है। उन्होंने कहा, ‘‘उनका सिंहासन हिल रहा है और वे घबराए हुए हैं क्योंकि जनता और उनके अंदरूनी गुट दोनों ही उनके खिलाफ हैं।’’
भाषा किशोर जफर नोमान