काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एलिवेटेड गलियारे का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए : न्यायालय
शफीक नरेश
- 20 Nov 2024, 05:22 PM
- Updated: 05:22 PM
नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 34 किलोमीटर के प्रस्तावित एलिवेटेड गलियारे को जल्द से जल्द पूरा करेगा और अन्य हितधारक वन्यजीव-अनुकूल उपाय के लिए पूरा समर्थन देंगे।
असम सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि एलिवेटेड गलियारा राष्ट्रीय उद्यान के लिए प्रस्तावित किया गया था, जो एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ को बताया गया कि एनएचएआई द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर काम जारी है और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस परियोजना को प्राथमिकता श्रेणी में रखा है।
पीठ ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि असम और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय काजीरंगा अभयारण्य के दो हिस्सों को विभाजित करने वाले एक एलिवेटेड गलियारे का निर्माण करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं, ताकि वन्यजीव जंगल के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक निर्बाध रूप से आवाजाही कर सकें।’’
उसने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि एनएचएआई इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करेगा और अन्य हितधारकों से भी अपेक्षा करते हैं कि वे उक्त परियोजना को शीघ्र पूरा करने के वास्ते पूर्ण समर्थन और सहयोग प्रदान करेंगे।’’
शीर्ष अदालत असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी।
न्यायालय ने कहा कि शीर्ष अदालत के 13 मार्च के आदेश के अनुसार, असम राज्य और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) ने मामले में अपने-अपने हलफनामे दाखिल किए हैं।
उसने यह भी उल्लेख किया कि राज्य के हलफनामे के अनुसार, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने लगभग 20 हेक्टेयर वन भूमि सौंपे जाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
पीठ ने केएएसी के हलफनामे का भी हवाला दिया जो राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से लगे क्षेत्रों में खनन गतिविधियों के मुद्दे से निपटता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हलफनामे के अनुसार, राष्ट्रीय उद्यान के दक्षिणी भाग की सीमा से लगे क्षेत्रों में खनन गतिविधियां पहले ही बंद कर दी गई हैं।
भाषा
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