सेना अध्यक्ष जनरल द्विवेदी नेपाल की चार दिवसीय यात्रा के लिए रवाना
खारी शफीक
- 20 Nov 2024, 05:06 PM
- Updated: 05:06 PM
नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी बुधवार को नेपाल की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए, ताकि क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ रक्षा एवं रणनीतिक संबंधों को और मजबूत किया जा सके।
नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल 1950 में शुरू हुई एक पुरानी परंपरा को जारी रखते हुए बृहस्पतिवार को जनरल द्विवेदी को ‘‘नेपाल सेना के जनरल’’ की मानद रैंक से सम्मानित करेंगे। यह परंपरा दोनों सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाती है।
भारतीय सेना ने कहा कि 20 से 24 नवंबर तक सेना अध्यक्ष की नेपाल यात्रा का उद्देश्य भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है, साथ ही दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के नए रास्ते तलाशना है।
काठमांडू में जनरल द्विवेदी अपने नेपाली समकक्ष जनरल अशोक राज सिगडेल के साथ व्यापक वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति पौडेल, प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और रक्षा मंत्री मनबीर राय से मुलाकात करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को साझा हित के मुद्दों पर नेपाली सेना के महानिदेशक सैन्य संचालन (डीजीएमओ) द्वारा भी जानकारी दी जाएगी।
नेपाल इस क्षेत्र में अपने समग्र रणनीतिक हितों के लिहाज से भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेता अक्सर सदियों पुराने ‘‘रोटी बेटी’’ रिश्तों का जिक्र करते रहते हैं।
चारों ओर से जमीनी क्षेत्र से घिरा नेपाल माल और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर काफी ज्यादा निर्भर है। नेपाल की समुद्र तक पहुंच भी भारत के माध्यम से ही संभव है और वह अपनी जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा भारत से और भारत के माध्यम से आयात करता है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेपाल के मस्तंग क्षेत्र में श्री मुक्तिनाथ मंदिर भी जा सकते हैं। ऐसा समझा जाता है कि भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत भी इस मंदिर में जाना चाहते थे। उनकी स्मृति में फरवरी 2023 में मंदिर में ‘बिपिन बैल’ नाम की एक घंटी लगाई की गई थी।
नेपाल ने भारत के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को जारी रखा है, जिसके तहत सैन्य प्रशिक्षण, यात्राओं और रक्षा आधुनिकीकरण का नियमित आदान-प्रदान होता है।
भारत और नेपाल आपसी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साझेदार हैं, खासकर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से।
अधिकारियों ने बताया कि जनरल द्विवेदी की यात्रा में विभिन्न पहलों के माध्यम से दोनों सेनाओं में रक्षा आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
भारत-नेपाल सैन्य सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ है, जो दोनों सशस्त्र बलों के बीच समन्वय को बढ़ाता है। आतंकवाद-रोधी, आपदा राहत और मानवीय सहायता पर केंद्रित इस अभ्यास का 18वां संस्करण दिसंबर में नेपाल में आयोजित होगा।
सूत्रों ने बताया कि इस अभ्यास के दायरे का विस्तार किया जाएगा, जिससे दोनों सेनाओं के बीच संचालन तालमेल को और बेहतर बनाने का अवसर मिलेगा।
भाषा खारी