केंद्र जनगणना तीन साल में नहीं करा सका, तेलंगाना में जाति सर्वेक्षण तीन सप्ताह में होगा: कांग्रेस
हक मनीषा
- 20 Nov 2024, 03:22 PM
- Updated: 03:22 PM
नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने तेलंगाना में जारी जाति सर्वेक्षण को ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार दशकीय जनगणना तीन साल में नहीं करा पाई, लेकिन तेलंगाना सरकार यह सर्वेक्षण तीन सप्ताह में पूरा करने की तैयारी में है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि शासन का कांग्रेस मॉडल ‘न्याय, सशक्तीकरण और कार्यान्वयन’ है।
तेलंगाना सरकार ने व्यापक सामाजिक-आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति सर्वेक्षण की गत छह नवंबर को शुरुआत की।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का वादा किया था।
रमेश ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘तेलंगाना का जाति सर्वेक्षण एक ऐतिहासिक प्रशासनिक उपलब्धि है। इसके लिए योजना विभाग के नेतृत्व में तेलंगाना सरकार की तरफ से अद्भुत योजना, विस्तार पर विशेष रूप से ध्यान और रचनात्मकता की ज़रूरत थी। वानापर्थी ज़िले में सर्वेक्षण से संबंधित कुछ जानकारियों पर गौर कीजिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2011 में आयोजित अंतिम दशकीय जनगणना में प्रत्येक गणना ब्लॉक के लिए हाथ से तैयार किए गए नक्शे का इस्तेमाल किया गया था। तेलंगाना में, वानापर्थी जैसे ज़िलों ने गूगल अर्थ पर प्रत्येक गणना ब्लॉक को डिजिटल कर दिया है। अब न केवल गणना करने वालों के पास अपने गणना ब्लॉक का एक डिजिटल मैप है, बल्कि अधिकारी जनसंख्या और घरों की वृद्धि को ट्रैक करने के लिए सैटेलाइट मैपिंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।’’
रमेश के अनुसार, अब ऐसे में जब भी गृह मंत्रालय दशकीय जनगणना कराने का निर्णय लेता है तो तेलंगाना और विशेष रूप से वानापर्थी जैसे ज़िले इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहेंगे।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार तीन वर्षों में जो नहीं कर पाई, उसे तेलंगाना में लगभग तीन सप्ताह के भीतर पूरा करने की तैयारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘80,000 गणनाकार 33 ज़िलों के 1.17 करोड़ घरों तक पहुंच कर उनकी आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक और जातिगत पृष्ठभूमि के बारे में सर्वेक्षण करेंगे। इसके नतीजे आने वाले वर्षों के लिए सरकार के नीति निर्धारण को दिशा देंगे। यह शासन का कांग्रेस मॉडल है: न्याय, सशक्तिकरण और कार्यान्वयन।’’
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