हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने घाटे में चल रहे पर्यटन निगम के 18 होटल बंद करने का आदेश दिया
शफीक मनीषा
- 20 Nov 2024, 03:18 PM
- Updated: 03:18 PM
शिमला, 20 नवंबर (भाषा) उच्च न्यायालय ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 18 होटल बंद करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने कहा कि एचपीटीडीसी के ये होटल 25 नवंबर तक बंद कर दिये जाने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि निगम के प्रबंध निदेशक आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
अदालत ने कहा कि इन होटल को बंद किया जा रहा है, क्योंकि ये वित्तीय रूप से अव्यवहारिक हैं। साथ ही अदालत ने कहा कि एचपीटीडीसी को इन ‘‘सफेद हाथियों’’ के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
आदेश के अनुसार, पैलेस होटल (चैल), होटल गीतांजलि (डलहौजी), होटल बाघल (दारलाघाट); होटल धौलाधर, होटल कुणाल धर्मशाला और होटल कश्मीर हाउस (धर्मशाला); होटल एप्पल ब्लॉसम (फागू), होटल चंद्रभागा (केलांग), होटल देवदार (खजियार), होटल गिरिगंगा (खड़ापत्थर), होटल मेघदूत (कियारीघाट), होटल सरवन (कुल्लू); होटल लॉग हट्स, होटल हडिम्बा कॉटेज और होटल कुंजुम (मनाली); होटल लिहागसा (मैकलोडगंज), द कैसल (नग्गर) और होटल शिवालिक (परवाणू) इस सोमवार तक बंद कर दिये जाएंगे।
न्यायाधीश ने कहा कि इन होटलों में आने वाले आगंतुकों की संख्या अदालत की अपेक्षा से ‘‘बहुत अधिक निराशाजनक’’ है, जो दर्शाती है कि एचपीटीडीसी लाभ कमाने के लिए अपनी संपत्तियों का उपयोग करने में सक्षम नहीं है।
अदालत ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि इन संपत्तियों का संचालन जारी रहना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है।
साथ ही अदालत ने यह भी आदेश दिया कि उल्लिखित संपत्तियों के रखरखाव के लिए आवश्यक कर्मचारियों को परिसर में ही रखा जाए तथा पर्यटन निगम को अपने शेष कर्मचारियों को स्थानांतरित करने की स्वतंत्रता होगी, ताकि अन्य स्थानों पर उसकी आवश्यकता पूरी हो सके।
मामले की अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।
भाषा शफीक