उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए अपराह्न एक बजे तक 31.21 प्रतिशत मतदान
जफर मनीषा खारी
- 20 Nov 2024, 02:21 PM
- Updated: 02:21 PM
लखनऊ, 20 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में अपराह्न एक बजे तक 31.21 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राज्य निर्वाचन कार्यालय ने यह जानकारी दी।
सभी सीट पर बुधवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया जो शाम पांच बजे तक जारी रहेगा।
अपराह्न डेढ़ बजे राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सबसे ज्यादा 41.01 प्रतिशत मतदान कुंदरकी में हुआ, जिसके बाद मीरापुर में 36.77 प्रतिशत, कटेहरी में 36.54 प्रतिशत, मझवां में 31.68 प्रतिशत, खैर में 28.80 प्रतिशत, सीसामऊ में 28.50 प्रतिशत, फूलपुर में 26.67 प्रतिशत और सबसे कम गाजियाबाद में 20.92 प्रतिशत मतदान हुआ।
निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, शांतिपूर्ण तरीके वोट डाले जा रहे हैं और कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
उपचुनाव के लिये कुल 1917 मतदान केन्द्र और 3718 मतदेय स्थल बनाये गये हैं। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त संख्या में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। उपचुनाव में 18.46 लाख से अधिक पुरुष और 15.88 लाख से अधिक महिलाएं अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगी।
मतगणना 23 नवंबर को होगी।
मौसम ठंडा रहने के बावजूद बुजुर्ग, युवा और यहां तक कि शारीरिक रूप से अक्षम लोग भी सुबह से ही मतदान केंद्रों पर दिखाई दिए।
कुंदरकी में मतदान केंद्र के बाहर व्हीलचेयर पर बैठी बबीता ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे हाथ पैर काम नहीं करते हैं। मुझे एक सहायक मिला था।’’
करहल में एक मतदान केंद्र के बाहर बुर्का पहने एक महिला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपनी मर्जी से अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट डाला है।’’
फूलपुर में एक मतदान केंद्र पर कतार में खड़े एक व्यक्ति ने कहा कि उनके लिए ‘‘विकास’’ अहम मुद्दा है जबकि दूसरे ने कहा कि ‘‘कानून-व्यवस्था’’ राज्य में एक प्रमुख मुद्दा है।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक समाचार चैनल का वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘कुछ पुलिस अधिकारी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। ये मतदाताओं को धमका रहे हैं और उन पर हाथ भी उठा रहे हैं। लाठी मारने की धमकी भी दे रहे हैं। साथ ही समाचार चैनल तक को धकेलकर अपना रौब जमा रहे हैं। ऐसे अधिकारी की पहचान की जाए और तत्काल निलंबित किया जाए।’’
इससे पहले यादव ने उच्चतम न्यायालय और चुनाव आयोग से वीडियो साक्ष्य के आधार पर तत्काल संज्ञान लेने और दंडात्मक कार्रवाई करने तथा निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की अपील की।
यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग से आग्रह है कि अभी-अभी प्राप्त वीडियो साक्ष्यों के आधार पर तत्काल संज्ञान लेते हुए दंडात्मक कार्रवाई करें और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया भी सुनिश्चित करें। जो भी पुलिस अधिकारी पहचान पत्र और आधार आईडी जांच रहे हैं, वीडियो के आधार पर उनकी पहचान कर उन्हें तुरंत निलंबित किया जाए। पुलिस को आधार आईडी कार्ड या पहचान पत्र जांचने का कोई अधिकार नहीं है।’’
जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें से आठ सीट मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उनके विधानसभा से इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ में मौजूदा समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द किये जाने के चलते उपचुनाव हो रहा है।
उपचुनाव में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। वहीं, सबसे कम पांच-पांच उम्मीदवार खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीट पर कब्जा जमाया था।
मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पास थी, जो अब भाजपा की सहयोगी है। कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है और इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की अपनी सहयोगी सपा का समर्थन कर रही है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपने दम पर सभी नौ सीट पर चुनाव लड़ रही है।
असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीसामऊ को छोड़कर सभी सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं।
भाषा जफर मनीषा