टोंक जिले के समरावता गांव को उनियारा उप-खंड में शामिल करने पर सहमति बनी:मंत्री किरोड़ी लाल मीणा
सुभाष माधव
- 19 Nov 2024, 08:29 PM
- Updated: 08:29 PM
जयपुर, 19 नवंबर (भाषा) राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार टोंक जिले के समरावता गांव को उनियारा उप-खंड में शामिल करेगी।
हालिया उपचुनावों का लोगों के बहिष्कार करने के बाद समरावता गांव में हिंसा भड़क गई थी।
कृषि मंत्री ने कहा कि टोंक में उपचुनाव बाद हुई हिंसा के मद्देनजर राज्य सरकार ने कई निर्णय लिए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हिंसा के मामले में किसी को भी फंसाया नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि समरावता गांव को उनियारा उप-खंड में शामिल करने पर सहमति बनी है, जिसके लिए ग्रामीणों ने 13 नवंबर को हुए उपचुनाव का बहिष्कार किया था।
ग्रामीणों ने कहा कि समरावता गांव वर्तमान में देवली उप-खंड में स्थित है, जो काफी दूर है।
मीणा ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि समरावता गांव में हिंसा के बाद पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गए 19 लोग बेकसूर पाये गए और उन्हें मुक्त कर दिया गया।
उन्होंने कहा पिछले हफ्ते हुई हिंसा के दौरान 35 दोपहिया वाहन, दो पुलिस वाहन सहित नौ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।
राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वह एक विस्तृत आकलन के बाद, पीड़ितों को मुआवजा देगी।
मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि टोंक हिंसा की जांच संभागीय स्तर के वरिष्ठ अधिकारी न्यायिक जांच के रूप में कर रहे हैं और इसमें और वक्त लगेगा।
उपचुनाव के तहत 13 नवंबर को मतदान जारी रहने के दौरान, निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने उप खंड अधिकारी (एसडीएम) अमित चौधरी को थप्पड़ मारा था। यह घटना उस वक्त हुई थी जब चौधरी देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी ड्यूटी पर थे।
मतदान जब संपन्न हो गया और मतदान दल रवाना होने लगा, तो नरेश मीणा और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर उन्हें रोकने की कोशिश की। जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया, तो वे कथित तौर पर हिंसक हो गए, जिसमें 26 पुलिसकर्मी घायल हो गए। गांव में पुलिस वाहनों सहित कई दोपहिया और चार पहिया वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
हिंसा के सिलसिले में नरेश मीणा के खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
भाषा सुभाष