हेमंत सोरेन रांची को कराची बनाना चाहते हैं: गिरिराज सिंह
अनवर खारी
- 19 Nov 2024, 06:45 PM
- Updated: 06:45 PM
पटना, 19 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति झामुमो-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधते हुए मंगलवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य की राजधानी ‘‘रांची को कराची बनाना चाहते हैं।’’
पटना में संवाददाताओं से बात करते हुए सिंह ने झारखंड के लोगों से महिलाओं की सुरक्षा के लिए वोट देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हेमंत सोरेन और कांग्रेस रांची को कराची और दुमका, देवघर और साहिबगंज जिलों को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी हमें बांटना चाहते हैं। झारखंड में अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी बहू-बेटी की सुरक्षा के लिए मतदान करें।’’
झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 38 सीट पर बुधवार को मतदान होना है।
कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगी पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा, “वे ‘वोट जिहाद’ की बात कर रहे हैं...उनका मूल उद्देश्य बहुसंख्यक वोटों को बांटना है। लोगों को ऐसा नहीं होने देना चाहिए।’’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना ‘‘जहर’’ किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि... खरगे जी कांग्रेस की कठपुतली हैं, लेकिन उन्हें इस तरह के असंसदीय और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल कांग्रेस के नेता अपने भाषणों में जहरीले शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जिसका मकसद मतदाताओं को सांप्रदायिक आधार पर बांटना होता है।’’
महाराष्ट्र के सांगली में एक सभा को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा था, ‘‘अगर भारत में राजनीतिक रूप से सबसे खतरनाक कोई चीज है तो वह है भाजपा और आरएसएस। वे जहर की तरह हैं। अगर सांप काटता है तो वह व्यक्ति (जिसे काटा है) मर जाता है... ऐसे जहरीले सांप को मार देना चाहिए।’’
बिहार के बक्सर, मोतिहारी, बेगुसराय और लखीसराय जिलों में धर्म परिवर्तन के आरोपों पर सिंह ने कहा कि ऐसी गतिविधियों में लिप्त प्रचारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद आश्चर्यजनक है कि राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के नेता मिशनरियों के प्रचारकों द्वारा की जा रही धर्मांतरण गतिविधियों पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।’’
भाषा अनवर