वायु प्रदूषण: उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों के सभी स्कूलों में कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से होंगी
सं जफर खारी
- 19 Nov 2024, 04:58 PM
- Updated: 04:58 PM
मेरठ (उप्र), 19 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी आठ जिलों में वायु प्रदूषण के मद्देनजर सभी स्कूलों को कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से संचालित करने का आदेश दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जिन जिलों में भौतिक कक्षाएं स्थगित की गई हैं, उनमें मेरठ मंडल के सभी छह जिले मेरठ गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ के अलावा मुजफ्फरनगर और शामली भी शामिल हैं।
एनसीआर में दिल्ली, हरियाणा के 14, राजस्थान के दो और उत्तर प्रदेश के आठ जिले शामिल हैं। उप्र में यह 14,826 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
मंडलायुक्त (मेरठ) सेल्वा कुमारी जे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण प्रशासन द्वारा इन जिलों के सभी स्कूलों को अगले आदेश तक कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से संचालित करने का निर्देश दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के दिशा-निर्देशों को भी पूरे मंडल में लागू किया जा रहा है।
मंगलवार को जिलाधिकारी दीपक मीणा ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से बैठक कर निर्देशित किया गया कि जीआरएपी चरण-चार के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
मीणा ने निर्देश दिया, ‘‘चरण-चार में निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। धूल प्रदूषण को रोकने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’’
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कचरा जलाने की घटनाओं पर तत्काल कार्यवाही करते हुये दोषी के खिलाफ जुर्माना लगाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।
उन्होंने कहा, ‘‘वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए नियमित रूप से वाहनों की जांच की जानी चाहिए और वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना वाहन चलाने वालों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। एनसीआर में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
बागपत के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने भी इसी तरह के उपायों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए।
अधिकारियों ने बताया, ‘‘जीआरएपी-चार के तहत सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण की गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनमें बीएस-तीन और बीएस-चार वाहन शामिल हैं, साथ ही डीजल से चलित 10 साल और पेट्रोल से चलित 15 साल से अधिक पुराने वाहनों पर भी प्रतिबंध है।’’
परिवहन विभाग ने प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वाले ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, जनरेटर पर निर्भरता कम करने के लिए जिलाधिकारी सिंह ने पूरे जिले में निर्बाध बिजली आपूर्ति का निर्देश दिया है।
उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने सभी सड़क निर्माण गतिविधियों को रोक दिया है और कृषि तथा राजस्व विभाग दोनों ने पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बागपत में उल्लंघनकर्ताओं पर कुल 12,500 रुपये का जुर्माना लगाया है।
भाषा सं जफर
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