दिल्ली: पुलिस ने सीमा पर चौकसी बढ़ाई, एनडीएमसी ने लुटियंस दिल्ली में कार्य योजना शुरू की
जितेंद्र माधव
- 18 Nov 2024, 09:39 PM
- Updated: 09:39 PM
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) दिल्ली यातायात पुलिस ने ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (जीआरएपी) का चौथा चरण लागू होने के बाद सोमवार सुबह प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए शहर की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी और गैर-गंतव्य वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
वहीं नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने लुटियंस दिल्ली में एक्यूआई ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी को पार कर जाने के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से कई नए उपायों की घोषणा की।
जीआरएपी के चौथे चरण के तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक परियोजनाओं में निर्माण पर अस्थायी रोक शामिल है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यातायात पुलिस ने आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-चार डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य किसी भी ट्रक के प्रवेश को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी तेज कर दी है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) डीके गुप्ता ने बताया, “दिल्ली की सीमाओं पर रात के समय जांच के लिए विशेष चौकियां स्थापित की गई हैं। हमने दिल्ली भर में जीआरएपी प्रतिबंधों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अपनी जांच तेज कर दी है।”
ईवी, सीएनजी और बीएस-छह डीजल वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-आवश्यक हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा।
वहीं एनडीएमसी ने लुटियंस दिल्ली में एक्यूआई ‘बेहद गंभीर’ स्तर को पार कर जाने के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से नये उपायों की घोषणा की।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने सोमवार को एक विस्तृत कार्य योजना का अनावरण किया, जिसमें उन्नत निगरानी, प्रदूषण नियंत्रण नियमों के सख्त प्रवर्तन और सार्वजनिक जागरूकता पहल पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बयान में बताया गया कि एनडीएमसी ने वास्तविक समय में प्रदूषण वाले प्रमुख स्थानों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू किया है, जिससे समस्या को हल करने के लिए जल्द कार्रवाई संभव हो सकेगी।
बयान के मुताबिक, इसके अलावा अनुचित कचरा निपटान, निर्माण अपशिष्ट और ठोस कचरे को खुले में जलाने जैसे पर्यावरण दिशानिर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए अधिकारियों की तीन टीमों वाला एक विशेष प्रदूषण नियंत्रण कार्य बल बनाया गया है।
बयान में बताया गया कि वे नियमों को लागू करने के लिए चौबीसों घंटे काम करेंगे।
भाषा जितेंद्र