दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर से ‘एयर प्यूरीफायर’ और मास्क की बिक्री बढ़ी
प्रशांत माधव
- 18 Nov 2024, 07:00 PM
- Updated: 07:00 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ने के साथ ही एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में काफी वृद्धि हुई है। शहर के व्यापारियों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई, तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 484 तक पहुंच गया - जो इस मौसम का सबसे खराब स्तर है।
दिल्लीवासियों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग बढ़ गई है, क्योंकि कई निवासी इन उपकरणों को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक मानते हैं।
इंदिरापुरम स्थित डीलरशिप एयर एक्सपर्ट इंडिया के मालिक विजेंद्र मोहन ने कहा कि वायु प्रदूषण के ‘गंभीर’ स्तर को पार करने के बाद उनके एयर प्यूरीफायर की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, “पहले हम प्रतिदिन करीब 20 प्यूरीफायर बेचते थे, कभी-कभी तो दो दिन में भी। अब यह संख्या दोगुनी होकर प्रतिदिन 40 हो गई है। एयर प्यूरीफायर घरों के लिए जरूरी हो गए हैं और मुझसे रोजाना 150 से ज्यादा इस संबंध में पूछताछ के लिये संपर्क कर रहे हैं।”
पुष्प विहार में ब्लूएयर एयर प्यूरीफायर के डीलर राकेश सिंह ने कहा, “पिछले महीने मैं रोजाना 10 से 12 एयर प्यूरीफायर बेच रहा था। अब बिक्री बढ़कर 25 यूनिट प्रतिदिन हो गई है।” उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
विकासपुरी स्थित एयर्थ एयर प्यूरीफायर कंपनी के मालिक रवि कौशिक ने बताया कि अक्टूबर के अंत से अब तक उनकी बिक्री में 70 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा, “आमतौर पर बिक्री 20 प्रतिशत के आसपास रहती है, लेकिन इस बार वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण इसमें 70 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है।”
कौशिक ने कहा, व्यस्त सड़कों के पास स्थित घरों में अक्सर प्रदूषकों का उच्च स्तर होता है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं होती हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत फिल्टर से युक्त एयर प्यूरीफायर इन हानिकारक कणों को हटा सकते हैं और घर के अंदर स्वच्छ हवा सुनिश्चित कर सकते हैं।
पूर्वी दिल्ली के एक केमिस्ट ने बताया कि नवंबर में बच्चों के उपचार में उपयोगी नेबुलाइजर और कम खुराक वाले इनहेलर की बिक्री पिछले 10 महीनों की कुल बिक्री से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा, “अपने बच्चों के लिए श्वसन सहायक उपकरण की मांग करने वाले अभिभावकों की संख्या में वृद्धि वास्तव में चिंताजनक है।”
अपोलो फार्मेसी के विक्रेता राजीव कुमार ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में मास्क की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुमार ने कहा, “पहले हम एक दिन में पांच से छह मास्क बेचते थे, लेकिन अब हम 40-45 से अधिक मास्क बेच रहे हैं।”
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 450 पार जाने के बाद दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत विभिन्न प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू किए हैं।
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