चिकित्सीय आपात स्थिति का सामना कर रहा है उत्तर भारत : आतिशी
पारुल रंजन
- 18 Nov 2024, 04:47 PM
- Updated: 04:47 PM
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर पर पहुंचने को लेकर सोमवार को चिंता जताई।
आतिशी ने आरोप लगाया कि ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन वाले’ कई राज्यों में बड़े पैमाने पर पराली जलाने की घटनाओं के कारण उत्तर भारत को चिकित्सीय आपात स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली में संवाददाताओं से मुखातिब आतिशी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संकट का समाधान करने के बजाय राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार की निष्क्रियता की वजह से उत्तर भारत का दम घुट रहा है। हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के शासन वाले पंजाब में इनमें गिरावट दर्ज की गई है।”
आतिशी के आरोपों पर भाजपा की तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मुख्यमंत्री ने आधिकारिक आंकड़ों की तरफ इशारा किया और दावा किया कि ‘आप’ शासित पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी एक प्रभावी शासन को दर्शाती है, जो भाजपा शासित राज्यों में नदारद है।
दिल्ली में सोमवार को जहरीली धुंध की मोटी परत छाने से दृश्यता प्रभावित रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 484 पर पहुंच गया, जो “अतिगंभीर” श्रेणी में आता है।
आतिशी ने स्थिति से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके की आलोचना की।
उन्होंने कहा, “वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर के कारण दिल्ली के लोग सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं और बुजुर्गों एवं बच्चों को चिकित्सकीय सहायता की जरूर पड़ रही है। केंद्र सरकार कार्रवाई करने के बजाय राजनीति करने में व्यस्त है, जिससे पूरे क्षेत्र को चिकित्सकीय आपात स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।”
आतिशी ने सवाल किया कि केंद्र सरकार ने पंजाब में लागू किए गए कदमों के समान कदम क्यों नहीं उठाए।
उन्होंने कहा, “अगर पंजाब सरकार पराली जलाने की घटनाओं में कमी ला सकती है, तो भाजपा शासित राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सकते? पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण का बढ़ता स्तर केंद्र सरकार की नीतियों की विफलता को उजागर करता है।”
सोमवार सुबह खराब दृश्यता के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर कई विमानों ने देरी से उड़ान भरी, जबकि 11 उड़ानों के मार्ग में बदलाव करना पड़ा।
एक्यूआई के 450 के पार जाने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में सोमवार से चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का आदेश दिया है।
भाषा पारुल