संसद सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी संकटग्रस्त मणिपुर का दौरा करें : कांग्रेस
प्रशांत रंजन
- 18 Nov 2024, 05:27 PM
- Updated: 05:27 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) मणिपुर में हिंसा में वृद्धि के बीच कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस महीने शुरू होने वाले संसद सत्र से पहले संकटग्रस्त राज्य का दौरा करना चाहिए। पार्टी ने इसके साथ ही वहां “डबल इंजन सरकार की पूर्ण विफलता” के लिए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग की।
कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को सबसे पहले मणिपुर के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलना चाहिए और फिर 25 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र से पहले राष्ट्रीय स्तर पर एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मेघचंद्र सिंह एवं पार्टी के प्रदेश पभारी गिरीश चोडानकर के साथ यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रमेश ने मांग की कि शाह और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “तीन मई 2023 से मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के विभिन्न देशों का दौरा कर रहे हैं, प्रवचन दे रहे हैं, लेकिन मणिपुर जाने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं। इसलिए हमारी पहली मांग है कि प्रधानमंत्री संसद सत्र से पहले समय निकालकर मणिपुर जाएं और वहां राजनीतिक दलों, राजनेताओं, नागरिक संस्था समूहों और राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मिलें।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह भी मांग करती है कि प्रधानमंत्री को मणिपुर के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलना चाहिए और फिर राष्ट्रीय स्तर पर भी सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
रमेश ने कहा, “31 जुलाई 2024 से कोई पूर्णकालिक राज्यपाल नहीं है। इससे पहले अनुसूचित जनजाति समुदाय का व्यक्ति राज्यपाल था लेकिन उसे 18 महीने में ही हटा दिया गया। हमारी मांग है कि तुरंत पूर्णकालिक राज्यपाल नियुक्त किया जाए”
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर को गृह मंत्री को “आउटसोर्स” कर दिया है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “गृहमंत्री और नाकाम मुख्यमंत्री के बीच अजीब जुगलबंदी है। गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री की असफलताओं का संज्ञान क्यों नहीं लिया और उन्हें बचाने का प्रयास क्यों कर रहे हैं?”
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ईमानदारी से मादक पदार्थ के कारोबार से जुड़े माफिया से लड़ना चाहते हैं तो वे अदालतों में लंबित मामलों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर का तत्काल दौरा करना चाहिए।
रमेश ने कहा, “मणिपुर का दर्द पूरे देश का दर्द है। 300 से ज्यादा लोग मारे गए और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए। यह सरकार की पूर्ण विफलता की कहानी है।”
उन्होंने कहा कि 2022 के चुनावों में भाजपा को 60 में से 32 सीटें मिलीं, उन्हें बड़ा जनादेश मिला लेकिन 15 महीने के भीतर ही मणिपुर जलने लगा।
उन्होंने कहा, “डबल इंजन की सरकार फेल हो गई है और पटरी से उतर गई है। गृह मंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। हम चाहते हैं कि गृह मंत्री इस्तीफा दें क्योंकि यह उनकी जिम्मेदारी है।”
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के साथ जिन राज्यों में भाजपा या उसके गठबंधन की सरकार हैं भाजपा उनके लिये ‘डबल इंजन की सरकार’ का इस्तेमाल करती है।
मणिपुर कांग्रेस प्रमुख के मेघचंद्र सिंह ने कहा कि डबल इंजन सरकार के तहत अभूतपूर्व उथल-पुथल और “पूर्ण अराजकता” व्याप्त है।
उन्होंने कहा, “यहां कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। मणिपुर के लोगों को जो कुछ सहना पड़ रहा है, वह वाकई बहुत दर्दनाक है। निर्दोष लोगों का अपहरण और उनकी हत्या, खास तौर पर महिलाओं और बच्चों की, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
मेघचंद्र ने कहा, “हम फरवरी 2017 में नरेन्द्र मोदी जी के बयान को याद कर सकते हैं जब उन्होंने एक चुनाव अभियान में कहा था कि जो लोग मणिपुर में शांति सुनिश्चित नहीं कर सकते, उन्हें राज्य पर शासन करने का कोई अधिकार नहीं है। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या डबल इंजन सरकार कानून-व्यवस्था को कायम रख पा रही है। मणिपुर भारत का एक राज्य है, तो प्रधानमंत्री मणिपुर राज्य की उपेक्षा क्यों कर रहे हैं। मणिपुर मोदी सरकार के राज में एक भूला-बिसरा हुआ राज्य बनता जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “वह (प्रधानमंत्री) मणिपुर पर कभी नहीं बोलते। कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल है। मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि वे तुरंत मणिपुर का दौरा करें और मणिपुर के नेताओं, जिनमें भाजपा के मंत्री और कांग्रेस के नेता शामिल हैं, को मिलने का समय दें।”
उन्होंने कहा कि मणिपुर में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है।
चोडानकर ने कहा कि हिंसा डबल इंजन सरकार के शासन का दुखद परिणाम है।
उन्होंने कहा, “राज्य नेतृत्वहीन हो चुका है, कोई ऐसा नेता नहीं है जो राज्य को हिंसा और अशांति से बाहर निकाल सके। हताशा अपहरण और हिंसा की ओर ले जा रही है। यह डबल इंजन सरकार की विफलता और वहां व्याप्त मानवीय संकट का संकेत है।”
चोडानकर ने कहा, “यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की पूरी तरह से विफलता है। प्रधानमंत्री को राज्य का दौरा करने के लिए एक दिन का भी वक्त नहीं मिला। कांग्रेस ने शांति बहाल करने की पूरी कोशिश की। राहुल गांधी तीन बार मणिपुर गए और हमारे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी भी गए, हमारा पूरा नेतृत्व मणिपुर में शांति लाने के लिए, इसमें योगदान देने के लिए मुद्दे उठाता रहा।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर के लोगों से सीधे संपर्क करना चाहिए ताकि विनाश और हिंसा पर रोक लगाई जा सके तथा शांति बहाल की जा सके।
राज्य में हिंसा जारी है और पहाड़ी जिले जिरीबाम में कांग्रेस और भाजपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई है, जहां आज दिन में एक अज्ञात शव मिला था।
ये घटनाएं तब हुईं जब गुस्साई भीड़ ने इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में तीन भाजपा विधायकों, जिनमें से एक वरिष्ठ मंत्री हैं, तथा एक कांग्रेस विधायक के घरों में आग लगा दी। इंफाल गाठी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।
सुरक्षा बलों ने शनिवार शाम को मणिपुर के मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर धावा बोलने की आंदोलनकारियों की कोशिश को भी विफल कर दिया।
पिछले साल मई से इंफाल घाटी स्थित मेइती और आसपास के पहाड़ों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
भाषा प्रशांत