नेशनल कान्फ्रेंस नीत सरकार जम्मू का समग्र विकास सुनिश्चित करेगी: फारूक अब्दुल्ला
अमित सुभाष
- 17 Nov 2024, 10:23 PM
- Updated: 10:23 PM
जम्मू, 17 नवंबर (भाषा) नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जम्मू के प्रति ‘‘चिंता नहीं होने’’ का आरोप लगाते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने ‘दरबार मूव’ के महत्व पर भी जोर दिया और उसे एक ऐसी परंपरा बताया जो दोनों क्षेत्रों के बीच एकता और सद्भाव को बढ़ावा देती थी। इसके तहत सरकार श्रीनगर और जम्मू से छह-छह महीने तक काम करती थी। हालांकि, इस परंपरा पर 2021 में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन ने विराम लगा दिया था।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जम्मू में मौजूदा हालात, खास तौर पर सड़कों और बुनियादी ढांचे के मामले में, भाजपा की इस क्षेत्र के प्रति ध्यान नहीं देने को उजागर करते हैं। सड़कों पर गड्ढे, गैर भरोसेमंद बिजली आपूर्ति, उच्च बेरोजगारी दर, टोल प्लाजा, नौकरी की ‘आउटसोर्सिंग’ और खनन गतिविधियां, साथ ही बड़े खुदरा उद्योगों का आना, ये सभी स्थानीय आबादी के प्रति भाजपा की उदासीनता के ज्वलंत उदाहरण हैं।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘भाजपा द्वारा किए गए वादे खोखले साबित हुए हैं, क्योंकि करीब एक दशक बीत चुका है और कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। वादा किए गए रोजगार, नयी सड़कें, स्कूल और अस्पताल कहां हैं।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में लोकतांत्रिक सरकार के साथ, जम्मू क्षेत्र आखिरकार व्यापक विकास की उम्मीद कर सकता है।
फारूक अब्दुल्ला यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री पंडित मंगत राम शर्मा की 92वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने क्षेत्र में विकास के लाभ पहुंचाने के लिए एकता और सद्भाव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘विशेष रूप से जम्मू कश्मीर एक विविध संस्कृति वाला क्षेत्र है और विविधता में एकता को बढ़ावा देने के लिए 'दरबार मूव' की शुरुआत की गई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य न केवल दो क्षेत्रों को एकसाथ लाना था, बल्कि व्यापार और सामुदायिक संबंधों को बढ़ाना भी था।’’
अब्दुल्ला ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि भाजपा इस परंपरा को "अपने एजेंडे में बाधा" मानती है, जिसके कारण इसे बंद कर दिया गया। उन्होंने इस परंपरा को बहाल करने के महत्व पर जोर दिया।
भाषा अमित