झांसी मेडिकल कॉलेज आग: बचाए गए एक नवजात ने उपचार के दौरान दम तोड़ा
आनन्द सलीम नोमान
- 17 Nov 2024, 06:14 PM
- Updated: 06:14 PM
झांसी (उप्र), 17 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में आग लगने के दौरान बचाये गये बच्चों में एक बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गयी, जिससे मृत नवजातों की संख्या बढ़कर 11 हो गयी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
शुक्रवार रात करीब पौने 11 बजे महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी।
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया था कि हादसे में बचाये गये 38 नवजात बच्चों का उपचार किया जा रहा है।
कुमार ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘तीन नवजात की हालत गंभीर बताई गई थी जिनमें से एक नवजात की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। मृत नवजात बच्चों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है।’’
हालांकि, जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि बच्चे की मौत जलने की वजह से नहीं हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों का उपचार किया जा रहा है उनमें से कोई भी जलने की वजह से जख्मी नहीं है। उन्होंने बताया कि ये वे बच्चे हैं जिन्हें अस्पताल के कर्मचारियों ने बचाया था।
कुमार ने बताया कि एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की हालत गंभीर है।
जिलाधिकारी ने पत्रकारों को यह भी बताया कि उन्होंने रविवार को मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और पीआईसीयू में भर्ती बच्चों का हालचाल जाना तथा उनके परिजनों से भी बात की।
उन्होंने कहा, "मैंने डॉक्टरों से बात की है और बच्चों की हालत स्थिर है।"
कुमार ने कहा, "मृत 10 बच्चों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। एक बच्चा हमारे पास था और एक परिवार बच्चे पर दावा कर रहा था। चूंकि कल सत्यापन नहीं हो सका था, इसलिए आज सत्यापन किया गया। सत्यापन के बाद बच्चे को दावा करने वाले परिवार को सौंप दिया गया। अब कोई बच्चा लापता नहीं है।"
सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित एक सवाल पर कुमार ने कहा कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में लगी आग की जांच के लिए शनिवार को चार सदस्यीय समिति बनाई है।
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने इस घटना के संबंध में शनिवार को चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति गठित करने की अधिसूचना जारी की।
अधिसूचना के अनुसार, झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना की जांच के लिए गठित समिति तीन बिंदुओं पर जांच करेगी। समिति को प्राथमिक कारण, किसी भी प्रकार की लापरवाही या दोष की पहचान करना और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं के बचाव के लिए सिफारिशें देने का दायित्व सौंपा गया है।
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में निदेशक (स्वास्थ्य) चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं, अपर निदेशक, विद्युत चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं और महानिदेशक अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारियों को समिति में शामिल किया गया है।
प्रमुख सचिव ने जांच समिति से कहा है कि वह अपनी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर शासन को उपलब्ध कराए।
इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झांसी की घटना का सात संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को शनिवार को नोटिस जारी कर एक हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन ने 'पीटीआई वीडियो' से कहा कि आयोग ने झांसी में बच्चों की मौत पर संज्ञान लिया है तथा सवाल यह है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसी एजेंसी या संगठन को कितनी गंभीरता से लेती है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हालात बेहतर नहीं हैं तथा प्रदेश में बच्चों की मौत हुई है और भाजपा सरकार को इन सवालों का जवाब देना पड़ेगा।
भाषा आनन्द सलीम