राजस्थान में ‘पीटीआई’ संवाददाता पर हमला: मीडियाकर्मियों ने सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की
खारी रंजन
- 16 Nov 2024, 09:06 PM
- Updated: 09:06 PM
जयपुर, 16 नवंबर (भाषा) मीडियाकर्मियों पर हमलों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकारों के एक समूह ने शनिवार को राजस्थान सरकार से उनकी सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की।
पीटीआई के संवाददाता अजीत सिंह शेखावत और कैमरामैन धर्मेंद्र कुमार पर टोंक में हिंसक भीड़ द्वारा हमला किए जाने तथा उनके कैमरे और अन्य सामान को क्षतिग्रस्त करने की घटना के मद्देनजर ‘पिंक सिटी प्रेस क्लब’ ने जयपुर में एक बैठक आयोजित की।
क्लब के पदाधिकारियों और सदस्य पत्रकारों ने हमले की निंदा की तथा अपने कर्तव्यों का पालन करते समय उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विधायी उपाय किए जाने की मांग दोहराई।
पत्रकार सुरक्षा अधिनियम लागू करने के आह्वान के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए बैठक में मीडियाकर्मियों ने कहा कि हिंसा की ऐसी घटनाएं नई नहीं हैं, लेकिन इन्हें अब रोका जाना चाहिए।
‘पिंक सिटी प्रेस क्लब’ के अध्यक्ष वीरेंद्र राठौर ने कहा, ‘‘हमने घटनाओं की कवरेज के दौरान पत्रकारों पर कई हमले देखे हैं। विरोध प्रदर्शनों और आंदोलनों की कवरेज करते समय संवाददाताओं और फोटो पत्रकारों को अक्सर धमकियों का सामना करना पड़ता है।’’
राठौड़ ने पत्रकारों के बीच एकता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस पेशे में ऐसी घटनाएं किसी के साथ भी हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि क्लब अपनी मांग के समर्थन में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय कानून मंत्री, राजस्थान के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगा।
क्लब के महासचिव योगेंद्र पंचौली ने कहा कि राज्य सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक व्यापक विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए अधिकारियों और पत्रकारों की एक समिति बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अधिनियम में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, उनके उपकरणों की सुरक्षा करने और मीडियाकर्मियों पर हमला करने वालों को सजा देने के प्रावधान शामिल होने चाहिए।
बैठक को संबोधित करते हुए क्लब के पूर्व अध्यक्ष एल.एल. शर्मा ने सामूहिक कदम का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकारों पर हमले कभी खत्म नहीं होते। हमें एकजुट रहना चाहिए और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, लेकिन जब पत्रकार अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं तो यह अक्सर आसानी से निशाना बन जाते हैं। हमें काम करने के लिए सुरक्षित और निडर माहौल की जरूरत है।’’
बैठक का समापन पत्रकारों की मांगों और चिंताओं को रेखांकित करने वाले विस्तृत ज्ञापन तैयार करने की योजना के साथ हुआ।
बृहस्पतिवार को टोंक जिले में हुई हिंसक हिंसा के दौरान भीड़ ने ‘पीटीआई’ के संवाददाता और कैमरामैन पर हमला कर दिया, उनसे मारपीट की और वीडियो कैमरा भी जला दिया। वे देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे।
भाषा खारी