झारखंड चुनाव ऐतिहासिक, ‘जल-जंगल-जमीन’ की निरंतर समृद्धि का निर्धारण करेगा: कांग्रेस
नेत्रपाल अविनाश
- 16 Nov 2024, 07:35 PM
- Updated: 07:35 PM
नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक होगा और यह झारखंड की खुशहाली तथा ‘‘जल-जंगल-जमीन’’ की समृद्धि को निर्धारित करने का चुनाव है।
पार्टी महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि 2006 में भारत के आदिवासी समुदायों का दशकों पुराना संघर्ष तब समाप्त हो गया जब कांग्रेस सरकार ने ऐतिहासिक वन अधिकार अधिनियम पेश किया।
रमेश ने कहा कि यह अधिनियम आदिवासी और वनवासी समुदायों को अपनी वन भूमि एवं इसकी उपज पर अपना अधिकार जताने का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि यह झारखंड के वनवासी समुदायों के लिए वरदान साबित हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले वर्ष, ‘नॉन बायलॉजिकल’ प्रधानमंत्री मोदी ने वन संरक्षण संशोधन अधिनियम पेश किया और इस सारी प्रगति को खत्म कर दिया। नया अधिनियम 2006 के वन अधिकार अधिनियम को कमजोर करता है तथा विशाल क्षेत्रों में वन मंजूरी के लिए स्थानीय समुदायों की सहमति और अन्य वैधानिक आवश्यकताओं के प्रावधानों को समाप्त कर देता है।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘निश्चित रूप से, उनका इरादा हमारे जंगलों तक पहुंच को अपने कॉरपोरेट मित्रों को सौंपना है - जैसा कि हम पड़ोसी छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में उन्हें करते हुए देख चुके हैं।’’
रमेश ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम का निष्पक्ष और ईमानदारी से क्रियान्वयन कांग्रेस के छह सूत्री आदिवासी संकल्प की प्रमुख प्राथमिकता है, जिसकी घोषणा राहुल गांधी ने 12 मार्च, 2024 को नंदूरबार में ‘भारत जोड़ो’ न्याय यात्रा के दौरान की थी।
आदिवासी संकल्प के बिंदुओं को सूचीबद्ध करते हुए रमेश ने कहा कि यह एक वर्ष के भीतर लंबित वन अधिकार अधिनियम दावों (पट्टों) का निपटारा करता है और सभी अस्वीकृत दावों की समीक्षा के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया अपनाता है।
उन्होंने कहा कि संकल्प में वन संरक्षण और भूमि अधिग्रहण अधिनियमों में मोदी सरकार द्वारा किए गए सभी ‘‘आदिवासी विरोधी’’ संशोधनों को वापस लेने की मांग की गई है।
रमेश ने कहा कि इसमें उन सभी बस्तियों को अनुसूचित क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित करने का भी वादा किया गया है जहां अनुसूचित जनजातियां सबसे बड़ा सामाजिक समूह हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड राज्य विधानसभा का चुनाव एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। यह झारखंड के जल-जंगल-जमीन की निरंतर समृद्धि और भविष्य की खुशहाली को निर्धारित करने वाला चुनाव है।’’
उनकी यह टिप्पणी झारखंड में 13 नवंबर को पहले चरण में 43 विधानसभा सीट के लिए हुए मतदान के बाद आई है। अंतिम चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।
भाषा नेत्रपाल