तिलक वर्मा ने अपनी तरकश में गैर-पारंपरिक शॉट को शामिल कर टी20 क्रिकेट में हासिल की सफलता
आनन्द नमिता
- 16 Nov 2024, 06:17 PM
- Updated: 06:17 PM
... जी उन्नीकृष्णन ...
बेंगलुरु, 16 नवंबर (भाषा) आमतौर पर बायें हाथ के बल्लेबाज के सामने कप्तान वामहस्त स्पिनर के इस्तेमाल से बचते हैं लेकिन युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय में शुक्रवार को यहां जब बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आये तो एडेन मारक्रम ने केशव महाराज को गेंद थमाने में देरी नहीं की क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ने इंडियन प्रीमियर लीग में इस बल्लेबाज को अक्षर पटेल के खिलाफ संघर्ष करते हुए देखा था।
तिलक ने हालांकि इसका माकूल जवाब महाराज के ओवर की चौथी और पांचवीं गेंद पर छक्का लगाकर दिया।
इसी तरह तेज गेंदबाज एंडिले सिपमाला ने ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी कर गेंद को बल्लेबाज की पहुंच से दूर रखने की कोशिश की लेकिन इस वामहस्त बल्लेबाज ने कदमों का इस्तेमाल करते हुए गेंद की दिशा में जाकर स्वीप शॉट पर चौका जड़ दिया।
तिलक ने इन तीनों शॉट के लिए अपरंपरागत तरीके को अपनाते हुए शानदार तरीके से अंजाम दिया।
तिलक के बचपन के कोच सलाम बयाश ने कहा, ‘‘ जब उसने मेरी अकादमी में प्रशिक्षण शुरू किया, तो हमने उसे कभी भी ऐसे शॉट खेलने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया। मेरा मानना है कि एक बल्लेबाज को सभी आधुनिक शॉट खेलने से पहले अपनी पारंपरिक तकनीक में सुधार करना चाहिए।’’
तिलक ने पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ जब शीर्ष स्तर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया तो उन्हें यह बात समझने में देर नहीं लगी कि खासकर टी20 प्रारूप में सफलता के लिए उन्हें अपनी बल्लेबाजी में नये आयाम जोड़ने होंगे।
उन्हें मुंबई इंडियन्स की टीम में सूर्यकुमार यादव के साथ खेलने का फायदा हुआ। इससे उन्हें मैदान की हर दिशा में शॉट खेलने की सीख मिली।
बायाश ने कहा, ‘‘ उनमें हमेशा आत्मविश्वास और कौशल था। यह बस इन शॉट का अभ्यास कर महारथ हासिल करने के बारे में था ताकि वह वास्तविक मैच की परिस्थिति में ऐसा लगातार कर सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कलाई की चोट से उबरने के बाद उन्होंने नेट सत्र में काफी पसीना बहाया। आईपीएल के दौरान और उसके बाद उन्होंने इस तरह की शॉट का पूरा अभ्यास किया।’’
बायाश ने कहा, ‘‘ उन्होंने इस दौरान अपनी शॉट में ताकत जोड़ने की कोशिश की और वह ऐसा करने में सफल रहे।
तिलक की बल्लेबाजी में शुक्रवार को ताकत का पूरा इस्तेमाल दिखा जिससे उन्होंने 47 गेंद की पारी में 10 छक्के जड़ नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी ओर सहजता से छक्के लगाने के लिए जाने जाने वाले संजू सैमसन ने 56 गेंद की नाबाद शतकीय पारी में उनसे एक कम नौ छक्के जड़े।
तिलक की सफलता का श्रेय टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव को जाता है जिन्होंने इस बल्लेबाज को तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी के लिए भेजने का फैसला किया।
सूर्यकुमार ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ वास्तव में मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि एक समय ऐसा भी आया है जब एक व्यक्ति (विराट कोहली) ने लगातार तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की है और भारत के लिए चमत्कारिक प्रदर्शन किया है। ऐसे में यह एक युवा खिलाड़ी के लिए आदर्श समय है कि वह इस जिम्मेदारी को आगे बढ़ाये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों ने वास्तव में एक-दूसरे से बात की और मैंने उसे कहा, ‘मुझे लगता है कि यह आपके जैसे किसी व्यक्ति के लिए नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने का सही समय है। यह सिर्फ अभी के लिए नहीं है बल्कि भविष्य के लिए भी है।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘जिस तरह से उन्होंने सुपरस्पोर्ट पार्क (सेंचुरियन) और यहां बल्लेबाजी की वह अविश्वसनीय था। मुझे उम्मीद है कि वह टी20 के अलावा अन्य प्रारूपों में भी भारत के लिए ऐसा ही प्रदर्शन करना जारी रखेंगे।’’
बयाश ने तिलक को बल्लेबाजी क्रम पर ऊपर भेजे जाने का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘ यह उसके लिए अच्छा है। इस क्रम पर उसे चौथे या पांचवें क्रम के मुकाबले अधिक गेंदों का सामना करने करने का मौका मिलेगा।
इस शतक के साथ ही तिलक वांडरर्स के मैदान पर तीन अंकों का स्कोर बनाने के मामले में क्रिस गेल और एबी डिविलियर्स जैसे दिग्गजों की सूची में शामिल हो गये।
तिलक ने कहा, ‘‘ मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतने बड़े दिग्गजों के साथ मेरा नाम जुड़ने जा रहा है। मैं बचपन में इन खिलाड़ियों को टेलीविजन पर देखा करता था। यह वास्तव में मेरे लिए प्रेरणादायक है।’’
भाषा आनन्द