भाजपा संथाल परगना क्षेत्र को झारखंड से अलग करने की साजिश रच रही: सोरेन का आरोप
संतोष माधव
- 15 Nov 2024, 10:21 PM
- Updated: 10:21 PM
रांची, 15 नवंबर (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संथाल परगना क्षेत्र को राज्य से अलग करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और लोगों से ऐसी ताकतों को बाहर निकालने का आग्रह किया।
संथाल परगना झारखंड के प्रमंडलों में से एक है और इसका मुख्यालय दुमका में है। इस प्रमंडल में राज्य के उत्तरपूर्वी हिस्से के छह जिले गोड्डा, देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़ शामिल हैं।
भाजपा सत्तारूढ़ झामुमो और उसके सहयोगियों पर बांग्लादेश से घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाती रही है। राज्य में भाजपा के लिए घुसपैठ एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है।
सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संथाल परगना को झारखंड से अलग करने की साजिश रचने वाली सांप्रदायिक ताकतों (भाजपा) को यहां से खदेड़ना होगा। हम फिर से अपनी सरकार बनाएंगे और झारखंड को समृद्ध बनाएंगे।’’
सोरेन ने दावा किया कि भाजपा 1932 की खतियान-आधारित अधिवास नीति का समर्थन करने वालों को बांग्लादेशी घुसपैठिए या आईएसआई का एजेंट बता रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को इस चुनाव में राज्य के लोगों से करारा जवाब मिलेगा।
वर्ष 2022 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने फैसला किया है कि जिन लोगों के पूर्वज 1932 से पहले राज्य में रह रहे थे और जिनके नाम उस वर्ष के भूमि रिकॉर्ड में शामिल थे, उन्हें झारखंड का स्थानीय निवासी माना जाएगा और उन्हें सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
एक साथ डाली गयी कई पोस्ट में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने भाजपा पर पूरे पांच साल के कार्यकाल के दौरान उनकी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।
सोरेन ने कहा, ‘‘भाजपा इन पांच सालों से हमारे खिलाफ साजिश रच रही है, जबकि आपका यह बेटा और भाई आपके कंधों से बोझ कम करने के लिए काम कर रहा है।’’
वह अपनी सरकार की एक योजना के तहत बिजली बिल माफ किये जाने का जिक्र कर रहे थे। झारखंड सरकार ने अगस्त में 200 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से लाभान्वित होने वाले 39.44 लाख उपभोक्ताओं के बिजली बकाए के 3,584 करोड़ रुपये माफ करने का फैसला किया।
साहेबगंज जिले के बोरियो में एक चुनावी सभा में उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास कोई रचनात्मक मुद्दा नहीं है और वह धार्मिक आधार पर विभाजन की राजनीति कर रही है।
भाषा संतोष