‘ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी’ में कश्मीर पर बहस के खिलाफ भारतीय छात्रों का प्रदर्शन
आशीष माधव
- 15 Nov 2024, 09:03 PM
- Updated: 09:03 PM
(अदिति खन्ना)
लंदन, 15 नवंबर (भाषा) भारतीय छात्रों के एक समूह ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी में कश्मीर पर आयोजित एक बहस के विरोध में नारे लगाए और तख्तियां दिखाईं। समूह ने कहा कि इस बहस में आतंकवाद से जुड़ाव रखने वाले वक्ताओं को मंच दिया गया।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार शाम को ‘कश्मीर को एक स्वतंत्र प्रदेश के रूप में देखने’ संबंधी एक प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़े जफर खान और ‘वर्ल्ड कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट’ से जुड़े मुजम्मिल अयूब ठाकुर ने भी भाषण दिया।
इस साल मार्च में भारत ने आतंकवाद के आरोपी यासीन मलिक की अगुआई वाले जेकेएलएफ पर प्रतिबंध को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया था। विरोध प्रदर्शनों के दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘ऑक्सफोर्ड यूनियन आतंकवाद के साथ खड़ा है’ के नारे लगाए गए।
इंडियन ऑक्सफोर्ड यूनियन के सदस्य आदर्श मिश्रा ने बहस के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘जेकेएलएफ एक आतंकी संगठन है।’’
सामुदायिक संगठन ‘इनसाइट यूके’ द्वारा ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक वीडियो के अनुसार, मिश्रा को यह कहते हुए सुना जा सकता है ‘‘मुझे इस मंच पर भरोसा नहीं है और मैंने (ऑक्सफोर्ड यूनियन के) अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।’’ मिश्रा ने कहा कि जफर खान और मुजम्मिल अयूब ठाकुर ‘‘(पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) आईएसआई और पाकिस्तान के लिए कठपुतली के तौर पर काम कर रहे।
‘इनसाइट यूके’ विश्वविद्यालय में भारतीय छात्रों के नेतृत्व में प्रदर्शन का समर्थन करने वाले समूहों में से एक है।
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी के लिए ऑक्सफोर्ड यूनियन से संपर्क किया गया, लेकिन फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
भारतीय प्रवासी संगठनों ने इस बहस के खिलाफ रैली निकाली, जिसमें ऑक्सफोर्ड हिंदू सोसाइटी भी शामिल थी। ऑक्सफोर्ड यूनियन को कार्यक्रम रद्द करने के लिए एक औपचारिक पत्र भी जारी किया था।
ऑक्सफोर्ड हिंदू सोसाइटी के पत्र में कहा गया, ‘‘यह ध्यान देने योग्य है कि ये दोनों वक्ता हिंदू विरोधी घृणा फैलाने में शामिल रहे हैं और ऐसे संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिनका ब्रिटेन के साथ-साथ भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाने से संबंध है।’’
पत्र में कहा गया, ‘‘हिंदू छात्र इस बात से भयभीत और निराश महसूस कर रहे हैं कि ऑक्सफोर्ड यूनियन ने जेकेएलएफ से जुड़े व्यक्ति को आमंत्रित किया है-जिसका हिंदुओं पर हमला करने का रिकॉर्ड है।’’
‘इनसाइट यूके’ द्वारा ऑक्सफोर्ड यूनियन को लिखे गए पत्र में कहा गया, ‘‘कश्मीर क्षेत्र दशकों से आतंकवाद का निशाना रहा है, जिसके कारण हजारों कश्मीरी हिंदुओं को जबरन पलायन करना पड़ा और अनगिनत पीड़ाएं झेलनी पड़ीं। कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का अभिन्न अंग माना जाता है और इस पर सवाल उठाने वाली कोई भी बहस भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती है।’’
ऑक्सफोर्ड यूनियन की स्थापना 1823 में हुई थी। विभिन्न विषयों पर यहां जोरदार बहस होती रही है।
भाषा आशीष