घुसपैठ के कारण झारखंड की ‘माटी, बेटी और रोटी’ खतरे में: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
नेत्रपाल माधव
- 15 Nov 2024, 08:52 PM
- Updated: 08:52 PM
देवघर (झारखंड), 15 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर घुसपैठ के कारण झारखंड में ‘माटी, बेटी, रोटी’ खतरे में है।
झारखंड के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक अपने प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर के इस बयान की निंदा नहीं की है कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो ‘‘घुसपैठियों’’ सहित सभी नागरिकों को घरेलू एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराएगी।
भाजपा नेता ने शुक्रवार को आदिवासी शहीद बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी, साथ ही सिद्धू-कान्हू, पोटो हो और फूलो झानो जैसे अन्य आदिवासी नायकों को भी श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इन आदिवासी नेताओं ने ‘जल, जंगल, जमीन’ को बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। लेकिन अब आदिवासी शहीदों की वह जमीन अवैध घुसपैठियों के कारण खतरे में है, जो जमीन हड़प रहे हैं और आदिवासी महिलाओं के सम्मान के साथ खेल रहे हैं।’’
चौहान ने दावा किया कि संथाल परगना क्षेत्र के कई गांवों में आदिवासी अल्पसंख्यक हो गए हैं, जिनमें दुमका के भोगनाडीह में शहीद सिद्धो और कान्हू का गांव भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अभी या कभी नहीं वाली स्थिति है। इसलिए, यह कोई साधारण चुनाव नहीं है, न ही नयी सरकार चुनने के लिए है, बल्कि यह चुनाव माटी, बेटी और रोटी के लिए है, जो अवैध घुसपैठ के कारण दांव पर है।’’
भाजपा नेता ने कहा कि 15 वर्ष की आयु में बिरसा मुंडा ने आदिवासी भूमि हड़पने, समुदाय पर अत्याचार और दुर्दशा करने वाली ताकतों से लड़ने के लिए अपनी मां से आशीर्वाद मांगा था।
आज के झारखंड में 1875 में जन्मे मुंडा ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी। उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आदिवासियों को संगठित करने का श्रेय दिया जाता है। 25 साल की उम्र में अंग्रेजों की हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई थी।
कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर के ‘‘घुसपैठियों’’ को भी 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने के वादे का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा कि यह सत्तारूढ़ गठबंधन की इस बात की स्वीकारोक्ति को दर्शाता है कि राज्य में घुसपैठिए मौजूद हैं और उन्हें कांग्रेस तथा झामुमो द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘वे भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन इस तथ्य को किसी और ने नहीं, बल्कि झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी ने स्वीकार किया है।’’
भाजपा नेता ने कहा कि यह खेदजनक है कि मीर द्वारा बृहस्पतिवार को दिए गए बयान की अभी तक सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जैसे कांग्रेस नेताओं द्वारा निंदा या खंडन नहीं किया गया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि घुसपैठियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, हालांकि विशेष शाखा ने एक परिपत्र जारी कर पुलिस को इन लोगों की गतिविधियों के बारे में आगाह किया था।
उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता बांग्लादेशी घुसपैठियों की आधार और मतदाता पहचान पत्र जैसे सरकारी दस्तावेज हासिल करने में मदद करते हैं, क्योंकि वे विदेशियों का अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
चौहान ने पूछा, ‘‘क्या वे देशद्रोही नहीं हैं? क्या घुसपैठियों को संरक्षण देना और उन्हें सुविधाएँ प्रदान करना कांग्रेस का एजेंडा है? क्या हमारे खनिज भंडारों पर उनका अधिकार है? क्या कांग्रेस और झामुमो ने आदिवासियों की ज़मीन हड़पने और आदिवासी महिलाओं के सम्मान से खेलने के लिए घुसपैठियों के साथ कोई सौदा किया है?’’
भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
संथाल परगना क्षेत्र में भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दे घुसपैठ के बारे में चौहान ने ‘‘तेजी से बदलती’’ जनसांख्यिकी और जनजातीय आबादी के ‘‘कम होने’’ पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी 44 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत रह गई है, जबकि पाकुड़ और साहेबगंज जिलों में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है, जहां दर्जनों गांवों में घुसपैठिए बहुसंख्यक हो गए हैं।
चौहान ने कहा, ‘‘अगर हम आज आदिवासियों और मूलवासियों के साथ खड़े नहीं हुए तो स्थिति गंभीर हो जाएगी। स्थिति ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ जैसी है।’’
उन्होंने दावा किया कि संथाल परगना के दर्जनों गांवों को अब ‘‘जमाई टोला’’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी करते हैं, उन्हें पंचायत चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और इन महिलाओं के जीतने के बाद पंचायत निकायों पर कब्जा कर लेते हैं।
चौहान ने कहा, ‘‘हम एक कानून बनाएंगे और घुसपैठियों द्वारा हड़पी गई आदिवासियों की जमीन वापस लेंगे।’’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में दावा किया कि कांग्रेस के शासन में असम में घुसपैठ होती थी लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह पूरी तरह बंद हो गई है।
भाषा
नेत्रपाल