कुमारस्वामी ने 50 कांग्रेस विधायकों को 50 करोड़ रुपये दिए जाने के आरोप की एसआईटी जांच की मांग की
प्रशांत माधव
- 15 Nov 2024, 06:27 PM
- Updated: 06:27 PM
मैसूरु (कर्नाटक), 15 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस आरोप की एसआईटी जांच की मांग की कि भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में उनकी सरकार को गिराने के लिए 50 कांग्रेस विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस को अपनी शक्ति का उपयोग कर रिश्वत मामले की जांच करानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को दावा किया कि भाजपा ने 50 कांग्रेस विधायकों को रिश्वत की पेशकश की, लेकिन उनमें से कोई भी इसके लिए तैयार नहीं हुआ।
मैसूर में एक कार्यक्रम में सिद्धरमैया ने कहा कि परिणामस्वरूप, भाजपा अब उन्हें निशाना बना रही है और एमयूडीए भूखंड आवंटन घोटाले जैसे झूठे मामलों में फंसा रही है।
विशेष अदालत के निर्देश पर एमयूडीए मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी.एम. और उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कुमारस्वामी ने रिश्वतखोरी पर मुख्यमंत्री के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया।
केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए, क्योंकि वे मूर्खों द्वारा दिए गए बयान जैसे लगते हैं।”
कुमारस्वामी ने कहा, “उन्होंने (सिद्धरमैया ने) विभिन्न विशेष जांच दल गठित किए हैं। उन्हें इस मामले की जांच के लिए एक और एसआईटी गठित करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “यदि वह इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन नहीं करते हैं तो लोग उन पर और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों पर संदेह करेंगे।”
कर्नाटक के मंत्री बी.जेड. जमीर अहमद खान द्वारा उनके खिलाफ नस्ली टिप्पणी ‘कालिया’ और ‘करियाना’ के संबंध में कुमारस्वामी ने कहा कि वह 23 नवंबर तक इंतजार करेंगे जब चन्नपटना उपचुनाव के लिए मतगणना पूरी हो जाएगी।
कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी रामनगर के चन्नपटना से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार के रूप में जद(एस) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
अल्पसंख्यक बहुल चन्नपटना निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान खान ने कुमारस्वामी को ‘कालिया कुमारस्वामी’ कहा था।
खान के इस दावे पर कि कुमारस्वामी उन्हें ‘कुल्ला’ (कन्नड़ में बौना) कहते थे, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह ऐसी पृष्ठभूमि से नहीं आए हैं कि उन्हें ‘कालिया’ कहा जाए और दूसरों को ‘कुल्ला’ कहकर संबोधित किया जाए।
उन्होंने कहा, “यह बयान उनकी संस्कृति को दर्शाता है। यह राज्य सरकार की संस्कृति को दर्शाता है।”
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