अजरबैजान में संरा जलवायु वार्ता के लिए 1,773 जीवाश्म ईंधन पैरोकारों ने हस्ताक्षर किए: रिपोर्ट
सुरभि मनीषा
- 15 Nov 2024, 05:48 PM
- Updated: 05:48 PM
नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) अजरबैजान के बाकू में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में 1,750 से अधिक जीवाश्म ईंधन पैरोकारों को भाग लेने की अनुमति दी गई है, जहां दुनिया के देश जलवायु परिवर्तन के कारण गर्म होती धरती को इस संकट से उबारने के लिए विकासशील देशों को खरबों डॉलर की मदद देने के तरीकों पर बहस कर रहे हैं। 450 से अधिक संगठनों के वैश्विक गठबंधन द्वारा किए गए नए विश्लेषण से यह जानकारी मिली।
जीवाश्म ईंधनों - कोयला, तेल और गैस - का जलना जलवायु परिवर्तन में सबसे बड़ा योगदान देता है, जो वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 75 प्रतिशत से अधिक और समस्त कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लगभग 90 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार होता है।
‘‘ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट’’ नामक वैज्ञानिकों के एक समूह ने इस सप्ताह की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि जीवाश्म ईंधन से उत्सर्जन 2024 में रिकॉर्ड 37.4 अरब टन तक पहुंच सकता है, जो 2023 के स्तर से 0.8 प्रतिशत अधिक है।
‘‘किक बिग पॉल्यूटर्स आउट’’ गठबंधन के विश्लेषण के अनुसार, लगभग सभी देशों के प्रतिनिधिमंडल की तुलना में अधिक संख्या में जीवाश्म ईंधन पैरोकारों को सीओपी29 में प्रवेश की अनुमति दी गई है।
बाकू में पंजीकृत जीवाश्म ईंधन पैरोकारों की संख्या 1,773 है जो मेजबान देश अजरबैजान (2,229), सीओपी30 के मेजबान देश ब्राजील (1,914) और तुर्किये (1,862) द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडलों की संख्या के बाद सबसे अधिक है।
शुक्रवार को जारी एक अन्य विश्लेषण से पता चला कि अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने दुबई में सीओपी28 के बाद से अपने 10 जलवायु और ऊर्जा-संबंधी बयानों या भाषणों में से किसी में भी ‘‘पेरिस समझौते’’ का उल्लेख नहीं किया, जिसमें जलवायु परिवर्तन पर ‘संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ में दिया गया एक भाषण भी शामिल है, जबकि उनका देश महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता की मेजबानी कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संगठन ‘350 डॉट ओआरजी’ के विश्लेषण के अनुसार, अलीयेव ने अपने तीन-चौथाई से अधिक भाषणों में जीवाश्म ईंधन का बचाव या प्रचार किया।
अजरबैजान के राष्ट्रपति ने मंगलवार को तेल, गैस और अन्य प्राकृतिक संसाधनों को ‘‘ईश्वर का उपहार’’ और उत्पादन एवं निवेश का अवसर बताया, जिसकी रक्षा की जानी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, वार्ता शुरू होने से ठीक तीन दिन पहले, अजरबैजान की सीओपी29 टीम के मुख्य कार्यकारी एलनूर सोल्तानोव को गुप्त रूप से फिल्माए गए वीडियो में जीवाश्म ईंधन समझौते पर कथित तौर पर सहमत होते हुए देखा गया था। सोल्तानोव अजरबैजान के उप ऊर्जा मंत्री के रूप में भी काम करते हैं।
यह लगातार दूसरा साल है जब संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन किसी पेट्रोलियम संपन्न देश में आयोजित किया जा रहा है। पिछले साल, वार्ता संयुक्त अरब अमीरात में हुई थी, जहां देशों ने जीवाश्म ईंधन से दूरी बरतने के लिए एक ऐतिहासिक समझौता किया था।
भाषा सुरभि