छत्तीसगढ़ की नयी औद्योगिक नीति : स्वयं के रोजगार पर विशेष अनुदान
संजीव अविनाश
- 15 Nov 2024, 12:06 AM
- Updated: 12:06 AM
रायपुर, 14 नवंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बृहस्पतिवार को 2024-30 के लिए राज्य की नयी औद्योगिक नीति की घोषणा की जिसमें महिला उद्यमियों, थर्ड जेंडर, सेवानिवृत्त अग्निवीरों, आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों को स्वयं के रोजगार स्थापित करने पर विशेष अनुदान और छूट का प्रावधान किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आज शाम नवा रायपुर के मेफेयर रिसार्ट में नयी औद्योगिक विकास नीति 2024-30 की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, ''हमने इस नयी नीति को रोजगारपरक बनाया है और विजन-2047 के अनुरूप विकसित भारत के निर्माण की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का लक्ष्य तय किया है।''
साय ने कहा, ''यदि कोई उद्योग एक हजार से अधिक युवाओं को रोजगार देता है तो हम उसे बी-स्पोक पॉलिसी के तहत और अधिक रियायतें देंगे। युवाओं को रोजगार मूलक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने पर हमने इस नीति में प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपये प्रतिमाह तक का अनुदान देने का प्रावधान भी किया है।''
उन्होंने कहा, ''हमने पहली बार इस नीति के माध्यम से राज्य में पर्यटन एवं स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं में निवेश को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। हमारा राज्य देश के मध्य में स्थित है, आने वाले वर्षों में हम अपनी भौगोलिक स्थिति, आवागमन के आधुनिक साधनों और सबकी भागीदारी से राज्य को देश का 'हेल्थ हब' बनाने में सफल होंगे।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''जगदलपुर के नजदीक हम लगभग 118 एकड़ भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण प्रारंभ कर रहे हैं। वहां पर अगले 12 माह के भीतर उद्योगों को भूमि का आवंटन प्रारंभ कर दिया जायेगा।''
उन्होंने कहा, ''पूर्व के 'न्यूनतम 20 एकड़ भूमि' के स्थान पर अब हमने '15 एकड़ भूमि' पर निजी क्षेत्र में औद्योगिक पार्क की स्थापना की अनुमति देने का निर्णय लिया है।''
साय ने कहा, ''छत्तीसगढ़ संभवतः देश में पहला राज्य है, जिसने युवा अग्निवीरों और नक्सल पीड़ित परिवारों को स्वयं के रोजगार स्थापित करने पर विशेष अनुदान और छूट का प्रावधान किया है।''
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की औद्यौगिक विकास नीति को एक नवंबर 2024 से लागू किया गया है। यह नीति उद्योगों को निवेश करने, नये रोजगार सृजन करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिये एक मजबूत आधार प्रदान करेगी।
उन्होंने बताया कि इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सृजन करते हुये अगले पांच वर्षों में पांच लाख नए रोजगार का लक्ष्य रखा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस नीति में आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान में सहभागिता के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर, भूतपूर्व सैनिकों, नक्सल प्रभावित आदि लोगों के उद्यमों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस नीति में विशिष्ट श्रेणी के उद्योगों जैसे फार्मा, वस्त्र, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सहित नवीन सेक्टरों के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान है।
अधिकारियों ने बताया कि इस नीति में प्रोत्साहनों की दृष्टि से राज्य के विकासखण्डों को तीन समूहों में रखा गया है। समूह-एक में 10, समूह दो में 61 तथा समूह तीन में 75 विकासखण्डों को वर्गीकृत किया गया है।
भाषा संजीव