साहित्य अकादमी के बाल साहित्य पुरस्कारों का वितरण, 21 साहित्यकार हुए पुरस्कृत
सलीम जोहेब नोमान
- 14 Nov 2024, 08:48 PM
- Updated: 08:48 PM
लखनऊ, 14 नवंबर (भाषा) साहित्य अकादमी ने 21 भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों को 2024 के प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार से बृहस्पतिवार को यहां सम्मानित किया।
साहित्य अकादमी ने यहां जारी एक बयान में बताया कि अकादमी के 70 साल के इतिहास में पहली बार लखनऊ में आयोजित हुए पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में विजेता बाल साहित्यकारों को पुरस्कार स्वरूप उत्कीर्ण ताम्रफलक और 50 हजार रुपये की सम्मान राशि से नवाजा गया। ये पुरस्कार अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने प्रदान किये।
बयान के अनुसार, हिंदी में देवेंद्र कुमार, उर्दू में शम्सुल इस्लाम फारूकी और सिंधी में लाल होतचंदानी ‘लाचार’ खराब स्वास्थ्य के कारण पुरस्कार ग्रहण करने नहीं आ सके और अंग्रेजी भाषा के लिए पुरस्कार विजेता नंदिनी सेनगुप्ता की तरफ से उनके प्रतिनिधि ने पुरस्कार ग्रहण किया।
अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने इस मौके पर कहा कि संस्थान के 70 साल के इतिहास में पहली बार बाल साहित्य पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित किया गया।
राव ने कहा कि बाल साहित्य बच्चों के संतुलित विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनके मुताबिक, बाल साहित्य बच्चों की कल्पनाशीलता को न सिर्फ बढ़ाता है बल्कि समाज में उन्हें अच्छे व्यवहार के लिए भी प्रेरित करता है।
अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा, “ बच्चों के लिए लिखना बहुत मेहनत का काम है। बाल लेखन के लिए बच्चों की दृष्टि से लिखना ही काफी नहीं है, बल्कि उनकी मुस्कान को बरकरार रखना भी जरूरी होता है।”
उन्होंने कहा कि पहले सभी भाषाओं के महत्वपूर्ण साहित्यकारों ने बाल साहित्य का प्रचुर मात्रा में लेखन किया है लेकिन अब यह परंपरा टूट सी गई है, लेकिन इसका जारी रहना जरूरी है।
समारोह के मुख्य अतिथि सूर्य प्रसाद दीक्षित ने बाल साहित्य के इतिहास और परंपरा के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बाल साहित्य को बच्चों की नई पीढ़ी के अनुसार पठनीय बनाना होगा।
बाल साहित्य पुरस्कार के विजेताओं में मुज़फ़्फ़र हुसैन दिलबर (कश्मीरी), भारत सासणे (मराठी), वसंत थापा (नेपाली), कुलदीप सिंह दीप (पंजाबी), प्रहलाद सिंह ‘झोरड़ा’ (राजस्थानी) व हर्षदेव माधव (संस्कृत) समेत 21 भारतीय भाषाओं के साहित्याकार शामिल हैं।
भाषा सलीम जोहेब