युद्ध के बीच आईएईए प्रमुख का ईरान दौरा, ट्रंप की वापसी से चिंता बढ़ी
एपी नोमान रंजन
- 14 Nov 2024, 07:25 PM
- Updated: 07:25 PM
दुबई, 14 नवंबर (एपी) अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि ईरान के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर “बातचीत और कूटनीति की गुंजाइश कम होती जा रही है” क्योंकि पश्चिम एशिया में युद्ध जारी है और डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद व्हाइट हाउस में वापस आ रहे हैं।
आईएईए प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी ईरान के परमाणु कार्यक्रम तक अपने निरीक्षकों की पहुंच बहाल करने और इस पर अब भी लंबित प्रश्नों के जवाब के प्रयास में तेहरान का दौरा कर रहे हैं। उनकी पिछली यात्राओं के दौरान उन्हें सीमित सफलता मिली थी। दरअसल, ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर अपने पिछले कार्यकाल के दौरान विश्व शक्तियों के साथ इस्लामिक गणराज्य के परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा रूप से हटा लिया था।
हालांकि, ग्रॉसी और उनके ईरानी समकक्ष मोहम्मद इस्लामी द्वारा संवाददाता सम्मेलन में की गई टिप्पणियों से पता चलता है कि अब भी काफी अंतर मौजूद हैं।
ग्रॉसी ने कहा, “हम जानते हैं कि इस समय कुछ ठोस, मूर्त और दृश्यमान परिणाम प्राप्त करना अपरिहार्य है, जो यह दर्शाएगा कि यह संयुक्त कार्य स्थिति में सुधार ला रहा है, चीजों को स्पष्ट कर रहा है और सामान्य अर्थों में यह हमें संघर्ष और अंततः युद्ध से दूर ले जा रहा है।”
साल 2018 में समझौते के टूटने के बाद से, ईरान ने अपने कार्यक्रम को लेकर किसी भी सीमा का पालन करना छोड़ दिया है, और यूरेनियम को 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धन किया है जो हथियार बनाने के लिए 90 प्रतिशत के स्तर के करीब है।
ग्रॉसी ने कहा कि आईएईए और ईरान के बीच बातचीत जारी है।
उन्होंने कहा, “तथ्य यह है कि अंतरराष्ट्रीय तनाव और क्षेत्रीय तनाव मौजूद हैं - इससे पता चलता है कि बातचीत और कूटनीति के लिए गुंजाइश बढ़ नहीं रही है, बल्कि कम होती जा रही है।”
ग्रॉसी ने ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची से मुलाकात की, जिन्होंने बाद में ‘एक्स’ पर लिखा “सहयोग और बातचीत के जरिए मतभेदों को सुलझाया जा सकता है।”
हालांकि कुछ देश आईएईए के ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर’ की आगामी बैठक में ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने पर जोर दे रहे हैं।
इस्लामी ने कहा, “हमने बार-बार कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के परमाणु मामलों में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रस्ताव के बाद निश्चित रूप से तत्काल पारस्परिक कदम उठाए जाएंगे और हम उन्हें इस तरह का दबाव डालने की अनुमति नहीं देंगे।”
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