वायनाड, चेलक्कारा उपचुनाव में कम मतदान का कारण एलडीएफ, यूडीएफ के प्रति ‘अविश्वास’ : भाजपा
नोमान मनीषा
- 14 Nov 2024, 05:07 PM
- Updated: 05:07 PM
पल्लकड़, 14 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वायनाड लोकसभा सीट और चेलक्कारा विधानसभा सीट पर उपचुनावों के दौरान कम मतदान होने के लिए सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ के प्रति लोगों के बढ़ते असंतोष और अविश्वास को बृहस्पतिवार को जिम्मेदार ठहराया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि मतदान में कमी लोगों में व्याप्त असंतोष को दर्शाती है। उन्होंने वक्फ भूमि विवाद पर ईसाई समुदाय के रुख के असर पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इसने “मतदान कम होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
सुरेंद्रन ने कहा, “ईसाई समुदाय परंपरागत रूप से कांग्रेस नीत यूडीएफ का समर्थन करता रहा है, लेकिन इस बार वायनाड में वह काफी निष्क्रिय रहा।”
संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के प्रदर्शन की आलोचना करते हुए उन्होंने वायनाड से प्रियंका गांधी वाद्रा के चुनावी राजनीति में पदार्पण को लेकर चलाए गए प्रचार अभियान को “विफल” करार दिया।
उन्होंने कहा, “पांच लाख मतों के अंतर से जीत के दावे और प्रचार के बावजूद यूडीएफ के प्रयास विफल हो गए।” भाजपा नेता ने कहा कि गठबंधन की लोकप्रियता उसके गढ़ वायनाड में भी कम हो रही है।
सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) अपनी आसन्न हार की सफाई देने के लिए पहले से ही बहाने तलाश रही है।
उन्होंने चेलक्कारा और पलक्कड़ उपचुनावों में भाजपा की जीत का विश्वास जताते हुए कहा, "केरल में माकपा इस चुनाव के बाद बिखर जाएगी। पिनाराई विजयन को राज्य के अंतिम कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री के रूप में याद किया जाएगा।”
संसदीय सीट वायनाड पर बुधवार को हुए उपचुनाव में 64.72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि इस वर्ष की शुरुआत में हुए आम चुनाव में इस लोकसभा सीट पर 72.92 फीसदी और 2019 में 80.33 प्रतिशत मतदान हुआ था। दोनों बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सीट से चुनाव लड़ा था।
भाषा
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