उच्चतम न्यायालय ने बुलडोजर को हमेशा के लिए गैराज में खड़ा कर दिया: विपक्षी नेताओं ने कहा
सुभाष माधव
- 13 Nov 2024, 09:22 PM
- Updated: 09:22 PM
नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) बुलडोजर कार्रवाई पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियमों के दायरे में लाये जाने के बाद, विपक्षी नेताओं ने बुधवार को इस फैसले की सराहना की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने ‘‘बुलडोजर को हमेशा के लिए गैराज में खड़ा कर दिया।’’
‘‘बुलडोजर न्याय’’ की तुलना अराजकता की स्थिति से करते हुए न्यायालय ने देश भर के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए और कहा कि कारण बताओ नोटिस दिये बिना किसी भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जाए और प्रभावितों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों ने उम्मीद जताई कि इस फैसले से राज्य में ‘‘बुलडोजर का आतंक’’ और ‘‘जंगल राज’’ खत्म हो जाएगा।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने बुलडोजर को हमेशा के लिए गैराज में खड़ा कर दिया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि बुलडोजर कार्रवाई के नाम पर गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए कानपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ''बुलडोजर कार्रवाई के नाम पर गरीबों के घर तोड़े जा रहे थे। अब उच्चतम न्यायालय ने अवैध रूप से मकान गिराने पर रोक लगा दी है।''
उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस तरह से बुलडोजर चलाए गए, उसी के कारण लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई।
योगी सरकार के बुलडोजर कार्रवाई 'मॉडल' पर कटाक्ष करते हुए सपा प्रमुख ने कहा, ''उच्चतम न्यायालय के फैसले के कारण बुलडोजर हमेशा के लिए गैराज में खड़ा हो गया है। शीर्ष अदालत ने जो कहा, उससे बड़ी टिप्पणी कोई नहीं हो सकती।''
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि अब निश्चित रूप से ‘‘बुलडोजर का आतंक’’ खत्म हो जाएगा।
मायावती ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले एवं इस संबंध में कड़े दिशानिर्देशों के बाद यह उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य सरकारें जनहित एवं जनकल्याण का सही एवं सुचारू रूप से प्रबंधन करेंगी और बुलडोजर का आतंक अब जरूर समाप्त होगा।’’
कांग्रेस की उप्र इकाई के प्रमुख अजय राय ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। उम्मीद है कि इस निर्णय से उत्तर प्रदेश में जंगल राज का अंत होगा।’’
इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय संगठित अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों में कानून का डर पैदा करने में मदद करेगा।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ''सुशासन की पहली शर्त होती है कानून का राज। इस दृष्टि से उच्चतम न्यायालय द्वारा आज दिया गया फैसला स्वागत योग्य है। इस फैसले से अपराधियों के मन में कानून का भय पैदा होगा और माफिया प्रवृत्ति के तहत एवं संगठित पेशेवर अपराधियों पर लगाम कसने में आसानी होगी।''
कांग्रेस नेता और उच्चतम न्यायालय में वकालत करने वाले अधिवक्ता विवेक तन्खा ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और जहां तक नागरिक स्वतंत्रता का सवाल है, यह एक ऐतिहासिक फैसला है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से राज्य सरकारें अहंकार के साथ व्यवहार कर रही थीं, उससे ऐसा लग रहा था कि वे इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करेंगे। यह सब अब बंद हो गया है, अब कोई 'बुलडोजर राज' नहीं हो सकता।’’
उन्होंने कहा कि सुनवाई होगी और आदेश पारित किया जाएगा, जिसे कानून में चुनौती दी जा सकेगी।
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि ‘‘बुलडोजर न्याय’’ पर शीर्ष अदालत की टिप्पणियों ने भाजपा शासित राज्यों को आईना दिखाया है और संविधान की सर्वोच्चता पर जोर दिया है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने न्यायालय के निर्देशों का बुधवार को स्वागत करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में "बुलडोजर राज" का महिमामंडन किया था, जिसे शीर्ष अदालत ने ‘‘अराजकता की स्थिति’’ करार दिया है।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य औवेसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसे लागू किये जाने योग्य दिशानिर्देश हैं। उम्मीद है कि वे राज्य सरकारों को मुसलमानों और हाशिए पर मौजूद अन्य समूहों को सामूहिक रूप से दंडित करने से रोकेंगे।’’
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने भी शीर्ष अदालत के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि देश की कानून-व्यवस्था, संविधान और लोकतंत्र को ‘‘बुलडोजर राज’’ से नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से लोगों का संविधान में विश्वास मजबूत होगा।’’
माकपा नेता बृंदा करात ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करती हूं, जिसमें बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को अवैध और दुर्भावनापूर्ण बताया गया है। यह फैसला पहले आ गया होता तो और अच्छा रहता क्योंकि इससे भाजपा शासित राज्यों में कई घरों पर बुलडोजर चलाने की नौबत नहीं आती।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह आ गया है, इससे उन लोगों को न्याय मिला है जो पीड़ित थे और जो भविष्य में भाजपा द्वारा गरीबों और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाए जाने के कारण पीड़ित होते।’’
भाषा सुभाष