गंगा सभा के विरोध के बाद मुस्लिम विधायक हर की पौड़ी पर दीपोत्सव में शामिल नहीं हुए
सं दीप्ति अविनाश
- 13 Nov 2024, 12:21 AM
- Updated: 12:21 AM
हरिद्वार, 12 नवंबर (भाषा) हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा हर की पौड़ी पर आयोजित दीपोत्सव के लिए आमंत्रित किए गए तीन स्थानीय मुस्लिम विधायक मुख्य स्नान घाट का प्रबंधन देखने वाली गंगा सभा के कड़े ऐतराज के बाद उसमें शामिल नहीं हुए।
हालांकि, कांग्रेस के दो और बहुजन समाज पार्टी के एक मुस्लिम विधायक ने मंगलवार को समारोह में शामिल न हो पाने के लिए व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया। यह समारोह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सोमवार को आयोजित हुआ था जिसमें प्रशासन ने जिले के सभी 11 विधायकों को आमंत्रित किया था।
लेकिन हर की पौड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था गंगा सभा ने घाट पर मुस्लिम विधायकों—मंगलौर से कांग्रेस के काजी निजामुददीन, पिरान कलियर से कांग्रेस के फुरकान अहमद और लक्सर से बसपा के मोहम्मद शहजाद के प्रवेश पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा था कि नगरपालिका के नियमों के अनुसार वहां गैर-हिंदू का प्रवेश 'गैरकानूनी' है ।
गंगा सभा ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि यदि कोई मुस्लिम विधायक इस कार्यक्रम मे शामिल होने के लिए आया तो वह उसे हर की पौड़ी क्षेत्र में घुसने नहीं देगी ।
उत्तराखंड के राज्य स्थापना दिवस पर हरिद्वार में गंगा तट पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया था।
गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने 'पीटीआई—भाषा' को बताया कि 1935 में, हर की पौड़ी की पवित्रता बनाए रखने के लिए नगरपालिका अधिनियम में हर की पौड़ी क्षेत्र में गैर हिंदुओं के प्रवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रशासन को कह दिया था कि यदि मुस्लिम विधायक आए तो उन्हें हर की पौड़ी पर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा ।
बसपा विधायक शहजाद अहमद ने 'पीटीआई भाषा' को बताया कि वह जानबूझकर इस कर्यक्रम मे शामिल नहीं हुए क्योंकि इस तरह के कार्यक्रम भाजपा के निजी कार्यक्रम बन जाते हैं।
गंगा सभा के विरोध पर उन्होंने कहा कि गंगा सबकी है और सभी के पाप धोती है और उन्होंने भी कई बार हर की पौड़ी पर गंगा में स्नान किया है ।
अन्य दोनों मुस्लिम विधायकों ने भी समारोह में न आने के लिए निजी कारणों और महाराष्ट्र चुनाव मे व्यस्तता को कारण बताया।
भाषा सं दीप्ति