छात्र पर हमला मामले में पूर्व मंत्री आनन्द स्वरूप समेत चार आरोपी बरी, एक दोषी को तीन वर्ष की कैद
सं आनन्द शफीक
- 12 Nov 2024, 10:48 PM
- Updated: 10:48 PM
बलिया, (उप्र), 12 नवंबर (भाषा) बलिया की एक अदालत ने एक छात्र पर जानलेवा हमले के 11 वर्ष पुराने मामले में मंगलवार को एक आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई और पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता आनंद स्वरूप शुक्ल सहित चार आरोपियों को बरी कर दिया। अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अभियोजन विभाग के प्रभारी संयुक्त निदेशक पी.एन. स्वामी ने मंगलवार रात ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अपर जिला न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश तिवारी की अदालत ने आज सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पूर्व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल सहित चार आरोपियों - दीपक पांडेय उर्फ आशुतोष, रत्नेश यादव और विवेक सिंह को दोष मुक्त करार दिया है।
उन्होंने कहा कि मामले में अदालत ने सिर्फ एक आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।
मुकदमे के वादी सुधीर ओझा के अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अदालत ने सपा नेता नागेन्द्र बहादुर सिंह के बेटे अविनाश सिंह नंदन को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष कारावास और छह हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है। हालांकि, अधिवक्ता तिवारी ने बताया कि वह अपर जिला न्यायाधीश के निर्णय से असंतुष्ट हैं और इस फैसले के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता आनंद स्वरूप शुक्ल योगी आदित्यनाथ की सरकार (2017-2022) में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रहे तथा बलिया सदर सीट से विधायक रहे। भाजपा के टिकट पर शुक्ल विधानसभा के पिछले चुनाव में जिले की बैरिया सीट से उम्मीदवार रहे, लेकिन वह सपा के जयप्रकाश अंचल से चुनाव हार गए।
प्रभारी संयुक्त निदेशक स्वामी ने घटना के संदर्भ में बताया कि बलिया शहर कोतवाली में सतीश चंद्र महाविद्यालय के छात्र सुधीर ओझा ने तहरीर दी थी कि वह महाविद्यालय में गत 15 जनवरी 2013 को दोपहर में काउंटर पर फॉर्म जमा कर रहा था कि उस पर जान लेने की नीयत से चाकू से वार किया गया। इसके साथ ही डंडा और बेल्ट से हमला किया गया और वह घायल हो गया।
इस मामले में भाजपा नेता आनंद स्वरूप शुक्ल सहित पांच आरोपियों अविनाश सिंह नंदन, दीपक पांडेय उर्फ आशुतोष, रत्नेश यादव और विवेक सिंह के विरुद्ध हत्या के प्रयास समेत अन्य संबंधित धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने सभी पांच आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
भाषा सं आनन्द