मणिपुर हमले के बाद लापता छह लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान जारी: पुलिस
जितेंद्र अमित
- 12 Nov 2024, 08:57 PM
- Updated: 08:57 PM
इंफाल, 12 नवंबर (भाषा) मणिपुर के जिरिबाम जिले के बोरोबेकरा थाने पर संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद लापता हुए तीन नाबालिगों सहित छह लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि लापता लोगों के उग्रवादियों की कैद में होने की जो कथित तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आयी हैं, उनकी पुष्टि नहीं हो सकी है। उसने कहा कि हालांकि लापता लोगों का पता लगने के लिए बचाव अभियान जारी रहेगा।
मणिपुर पुलिस ने बताया था कि सोमवार दोपहर थाने और पास के सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) शिविर पर हमले के बाद सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में 10 उग्रवादी मारे गए थे। हालांकि, सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मरने वालों की संख्या 11 बताई है।
थाना परिसर में बने एक राहत शिविर में आंतरिक रूप से विस्थापित करीब 100 लोगों (आईडीपी) को शरण दी गई है।
हमले के बाद दो बुजुर्गों के शव बरामद किए गए और तीन अन्य लोगों को बचा लिया गया जबकि तीन महिलाओं और तीन बच्चों सहित छह व्यक्तियों का पता नहीं चल पाया है।
जिरिबाम में शीर्ष मेइती निकाय ‘जिरी अपुनबा लूप’ ने दावा किया कि लापता हुए छह लोग एक ही परिवार के हैं।
पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आई के मुइवा ने यहां राज्य पुलिस मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया, “सोमवार को अपराह्न ढाई बजे से तीन बजे के बीच जिरिबाम जिले के जाकुराधोर में बोरोबेकरा थाने और पास के सीआरपीएफ शिविर पर हथियारबंद बदमाशों ने हमला किया।”
उन्होंने बताया, “हमले में बदमाशों ने आरपीजी, एके तथा इंसास राइफलों और एसएलआर जैसे अत्याधुनिक स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल किया। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दस उग्रवादी मारे गए और सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए असम ले जाया गया। दो बुजुर्ग भी मृत पाए गए जबकि तीन महिलाएं और तीन नाबालिग लापता हैं।”
अधिकारी ने बताया कि पुलिस लापता लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
मुइवा ने बताया, “यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और सशस्त्र बलों ने हमलावरों को सावधान करने की कोशिश की, जो हमारा मानक व्यवहार है। लेकिन जब अत्याधुनिक हथियारों से गोलीबारी की जाती है तो जवाबी कार्रवाई अनिवार्य होती है। एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और सीआरपीएफ, असम राइफल्स और पुलिस सहित अतिरिक्त बलों को क्षेत्र में भेजा गया है। हम जाकुराधोर क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे हैं।”
जब पत्रकारों ने बताया कि कुकी-जो संगठनों ने दावा किया गया है कि इसमें मारे गए "ग्रामीण स्वयंसेवक" थे, तो मुइवा ने कहा, "हमने घटनास्थल से अत्याधुनिक हथियार जब्त किए हैं। इससे साफ पता चलता है कि वे सशस्त्र उग्रवादी या सशस्त्र बदमाश थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे सैन्य वर्दी भी पहने हुए थे। वे वहां बहुत हिंसा फैलाने आए थे, लेकिन सीआरपीएफ के चलते हिंसा को नियंत्रित किया जा सका।’’
भाषा जितेंद्र