वाराणसी की सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित छात्रा ने अपनी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंस से कराने की मांग की
सं आनन्द शफीक
- 12 Nov 2024, 08:18 PM
- Updated: 08:18 PM
वाराणसी, (उप्र), 12 नवंबर (भाषा) काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी की सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित छात्रा ने बार-बार अदालत के चक्कर लगाने के कारण पढ़ाई में आ रही बाधा और आरोपियों से सामना करने में आ रही परेशानियों का हवाला देते हुए अदालत से अपनी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंस से कराने की मांग की है।
अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आदेश को 21 नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि शुरू से मेधावी रही पीड़िता 12वीं उत्तीर्ण करते ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी में चयनित हो गयी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी में चयनित होना ही उसकी प्रतिभा को दर्शाता है।
गुप्ता ने दावा किया कि अदालत में तेज गति से सुनवाई नहीं हो पा रही, जिससे छात्रा को बार बार अदालत का चक्कर लगाना पड़ रहा है और उसकी पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के आरोपियों से अदालत में सामना करना भी पीड़िता को असहज कर रहा है।
एडीजीसी ने बताया कि पीड़ित छात्रा ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि बार-बार अदालत आने की वजह से उसकी पढ़ाई बाधित हो रही है। साथ ही सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों का सामना करना उसके लिए मुश्किल भरा काम है, इसलिए अदालत उसकी मनोदशा को समझते हुए उसको वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पेशी की इजाजत दे।
गुप्ता ने बताया कि इस मामले पर फास्ट ट्रैक अदालत के न्यायाधीश कुलदीप सिंह सुनवाई कर रहे हैं। अदालत ने इस मामले में आदेश को 21 नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया है।
पीड़ित छात्रा अपने दोस्त के साथ एक नवंबर 2023 की रात को हॉस्टल से बाहर घूमने के लिए निकली थी। इसी दौरान बुलेट सवार तीन युवकों ने छात्रा और उसके दोस्त को रोक लिया था। आरोप है कि युवकों ने छात्रा का सामूहिक दुष्कर्म किया था।
आरोपियों की पहचान कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल के रूप में हुई। ये तीनों भाजपा के आईटी सेल से जुड़े हुए थे। घटना के दो महीने बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में कुणाल पांडेय और अभिषेक चौहान को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गयी और तीसरे आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है।
भाषा सं आनन्द