1984 सिख विरोधी दंगे: दिल्ली की अदालत ने टाइटलर के खिलाफ पीड़ित की पत्नी का बयान दर्ज किया
धीरज अमित
- 12 Nov 2024, 07:43 PM
- Updated: 07:43 PM
नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारा पर हुए हमले में मारे गए एक व्यक्ति की पत्नी का कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ बयान दर्ज करने का कार्य मंगलवार को पूरा कर लिया।
विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह ने दंगे के दौरान गुरुद्वारे में की गई आगजनी में मारे गए तीन लोगों में से एक बादल सिंह की पत्नी लखविंदर कौर का बयान दर्ज किया।
कौर ने अदालत में दर्ज कराये गए अपने बयान में कहा कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने उन्हें बताया कि टाइटलर एक वाहन में घटनास्थल पर आये थे और उन्होंने भीड़ को उकसाया था। कौर ने अदालत को बताया कि 2008 में उनकी मुलाकात गुरुद्वारा के ग्रंथी रहे सुरेन्द्र सिंह से हुई थी, जिन्होंने उन्हें उक्त घटना के बारे में बताया।
कौर ने अदालत को बताया, ‘‘सुरेंद्र सिंह ने मुझे बताया कि उन्होंने यह घटना गुरुद्वारे की छत से देखी। उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने मेरे पति बादल सिंह को गुरुद्वारे से बाहर निकलते हुए देखा जिनपर भीड़ ने हमला कर दिया। उसने (भीड़ ने) मेरे पति की कृपाण निकाल ली और उसी से उनकी हत्या कर दी।’’
कौर ने बताया, ‘‘उन्होंने (सुरेंद्र सिंह) मुझे यह भी बताया कि टाइटलर एक वाहन में घटनास्थल पर आये थे और उन्होंने ही भीड़ को इकट्ठा किया था।’’
उन्होंने बताया कि सुरेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि भीड़ टाइटलर के उकसावे पर हिंसा में लिप्त हुई और उनके पति की हत्या करने के बाद उनके शव को एक ठेले पर रखा दिया और शव के ऊपर जलते हुए टायर रखकर उसे जला दिया गया।
कौर ने बताया कि इसके बाद उन्होंने जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया।
न्यायाधीश 23 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई करेंगे और उम्मीद है कि उस दिन एक अन्य पीड़िता मनमोहन कौर का बयान दर्ज करेंगे। टाइटलर को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है और वह इस समय जमानत पर हैं।
पिछले साल अगस्त में एक सत्र अदालत ने टाइटलर को इस मामले में अग्रिम जमानत दे दी थी।
अदालत ने इस साल 30 अगस्त को कहा कि मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त आधार है और टाइटलर (80) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 302 (हत्या), 109 (उकसाना), 147 (दंगा), 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 143 (गैरकानूनी सभा) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
अदालत ने टाइटलर द्वारा मामले में खुद को बेगुनाह बताने के बाद 13 सितंबर को आरोप तय किये। सीबीआई ने इस मामले में 20 मई 2023 को टाइटलर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि टाइटलर ने एक नवंबर 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा आजाद मार्केट में एकत्रित भीड़ को ‘उकसाया और भड़काया’’। एजेंसी ने आरोप लगाया कि टाइटलर के उकसाने पर गुरुद्वारा जला दिया गया और तीन सिखों ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरुचरण सिंह की हत्या कर दी गई।
भाषा धीरज