भाजपा नेताओं ने कांग्रेस शासित राज्यों में ‘अधूरे’ वादों को लेकर पार्टी की आलोचना की
प्रीति माधव
- 12 Nov 2024, 04:57 PM
- Updated: 04:57 PM
मुंबई, 12 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अनुराग ठाकुर समेत पार्टी के कई नेताओं ने कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में चुनावी वादों को पूरा न कर पाने के लिए पार्टी पर निशाना साधा।
ठाकुर ने मंगलवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि पार्टी का इतिहास वादों को पूरा नहीं करने से भरा पड़ा है और हिमाचल प्रदेश के लोग उसे सत्ता में लाकर इसकी कीमत चुका रहे हैं।
महाराष्ट्र मे 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के वास्ते भाजपा के प्रचार अभियान के लिए अनुराग राज्य में मौजूद हैं।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि वे महाराष्ट्र को बचाना चाहते हैं तो महायुति को वोट दें।
भाजपा नेता ने पत्रकारों से बात करते हुए महायुति द्वारा किए गए विकास का उल्लेख किया और कहा कि ईमानदार शासन और निरंतर प्रगति चाहने वालों के लिए यह एकमात्र विकल्प है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश के नागरिकों का विकास करने के वास्ते‘‘गारंटियों की लंबी सूची’’ के साथ सत्ता में आई थी और इसके शासन के कई महीनों बाद भी लोग इन वादों के बारे में सोच रहे हैं कि ये कब पूरे होंगे।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऐसी एक भी पार्टी नहीं है जिसे कांग्रेस ने कभी धोखा नहीं दिया हो।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस का इतिहास पूरे नहीं किए गए वादों और झूठे आश्वासनों से भरा पड़ा है तथा इस बार हिमाचल प्रदेश इसकी कीमत चुका रहा है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में सब्सिडी वाली बिजली, महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता, सस्ता दूध और रोजगार सृजन का वादा करके सत्ता में आई थी। लेकिन कांग्रेस के शासन के कुछ महीनों बाद ही हिमाचल के लोग हैरान हैं कि ये वादे कहां चले गए।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसकी सरकार ने बिजली की खपत पर कर लगा कर भाजपा की 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना को भी रोक दिया।
कांग्रेस के घोषणापत्र में महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया गया था, जिससे राज्य भर की 23 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिलने का दावा किया गया था, लेकिन ठाकुर ने दावा किया कि जमीनी स्तर पर एक भी रुपया नहीं मिला है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उन महिलाओं के साथ एक क्रूर मजाक के अलावा कुछ नहीं है जिन्होंने उन पर भरोसा किया था।’’
अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि उत्तरी राज्य में पांच लाख नौकरियां सृजन करने का कांग्रेस का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है और यह सिर्फ कागजों पर लिखी बातें हैं।
भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने दावा किया कि दक्षिणी राज्य की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है और कांग्रेस सरकार किसानों का दो लाख रुपये का कृषि ऋण माफ करने सहित प्रमुख वादों को भी पूरा नहीं कर पाई है।
उन्होंने महालक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता देने का वादा भी पूरा न कर पाने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि एक भी महिला को 2,000 रुपये की मासिक सहायता नहीं मिली है।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि तेलंगाना कांग्रेस सरकार का एटीएम बन गया है और पार्टी महाराष्ट्र सहित पूरे देश में चुनावों के लिए राज्य के धन का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के दौरान छह प्रमुख गारंटी दी थीं, लेकिन लगभग एक साल बाद भी उनमें से 99 प्रतिशत अधूरी हैं।
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के सत्ता में आने के बाद से मात्र 18 महीनों में कर्नाटक का कर्ज 82,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्रमुख वादा महिलाओं को मुफ्त परिवहन की सुविधा देना था, लेकिन यही राज्य की वित्तीय समस्याओं का एक प्रमुख कारण बन गया है। करंदलाजे ने आरोप लगाया कि इस योजना के कारण राज्य की परिवहन सेवाओं को हर महीने लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और सरकार को ईंधन, रखरखाव एवं कर्मचारियों के वेतन के लिए धन की कमी के कारण बस संचालन निलंबित करना पड़ रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के लिए निर्धारित धनराशि का अन्य जगह इस्तेमाल करने पर भी चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस धनराशि का उपयोग अन्य वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए किया गया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस की भागीदारी वाला गठबंधन महाराष्ट्र की सत्ता में आता है तो राज्यों को भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ महाराष्ट्र को कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए कामकाज के प्रति सतर्क रहना चाहिए।’’
भाषा प्रीति