मणिपुर हिंसा: जिरिबाम में तनावपूर्ण स्थिति के बीच निषेधाज्ञा लागू और गश्त भी जारी
यासिर मनीषा
- 12 Nov 2024, 10:41 AM
- Updated: 10:41 AM
इंफाल, 12 नवंबर (भाषा) मणिपुर के जिरिबाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादियों के मारे जाने के एक दिन बाद, मंगलवार को सुबह स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण रही और पुलिसकर्मियों ने संवेदनशील इलाकों में गश्त जारी रखी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है, तथा लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों की हत्या के विरोध में कुकी-जो बहुल पहाड़ी क्षेत्रों में मंगलवार की सुबह पांच बजे से ‘बंद’ आयोजित किया गया है।
उन्होंने बताया कि सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। यह मुठभेड़ फौजी वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा जिरिबाम जिले में एक पुलिस थाने तथा निकटवर्ती केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी करने के बाद हुई।
उन्होंने बताया कि बोरोबेक्रा में भारी गोलीबारी के दौरान सीआरपीएफ के दो जवान भी घायल हो गए और उनमें से एक की हालत गंभीर बताई जाती है।
पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद इंफाल घाटी में कई स्थानों से ताजा हिंसा की खबरें आईं।
कुकी-जो काउंसिल ने गोलीबारी में मारे गए लोगों के प्रति सामूहिक दुख और एकजुटता व्यक्त करने के मकसद से मंगलवार को सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में पूर्ण ‘बंद’ का आह्वान किया है।
संदिग्ध उग्रवादियों ने हमलों की एक श्रृंखला में जकुरादोर करोंग बाजार में और उसके आसपास कई दुकानों और घरों को तथा बोरोबेक्रा पुलिस थाने और उसके पास स्थित सीआरपीएफ शिविर को आग लगा दी।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद भारी गोलीबारी शुरू हो गई और 11 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए।
पुलिस ने बताया कि दोनों ओर से 40 से 45 मिनट तक गोलीबारी हुई, जिसके बाद स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया।
पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों को खदेड़ने के लिए अभियान जारी है और असम राइफल्स, सीआरपीएफ तथा पुलिस की अतिरिक्त टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम को इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों के विभिन्न गांवों से हिंसक झड़पें हुईं।
भाषा यासिर