एनजीटी को किया गया सूचित यमुना में विदेशी प्रजाती की मछलियों की संख्या अधिक
नोमान माधव
- 11 Nov 2024, 09:56 PM
- Updated: 09:56 PM
नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सूचित किया गया है कि यमुना नदी में विदेशी प्रजातियों की मछलियों की संख्या अधिक है, जबकि भारतीय प्रजातियों की मछलियों की तादाद में कमी आई है।
हरित निकाय यमुना में भारतीय प्रजातियों की मछलियों की घटती संख्या के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा था। इसने पहले प्रयागराज में केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीआईएफआरआई) सहित अन्य अधिकारियों से जवाब मांगा था।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने सात नवंबर के अपने आदेश में कहा कि सीआईएफआरआई ने 19 सितंबर को अपना जवाब दाखिल किया था, जिसमें स्थानीय प्रजातियों की मछलियों की संख्या में कमी की दलील का समर्थन किया गया था।
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। पीठ ने भारतीय मेजर कोर (आईएमसी), बड़ी कैटफिश और हिल्सा सहित अन्य मछलियों की प्रजातियों की संख्या में गिरावट के बारे में रिपोर्ट पर गौर किया।
रिपोर्ट के अनुसार, यमुना में विदेशी प्रजाती की मछलियों में मुख्य रूप से कॉमन कार्प (साइप्रिनस कार्पियो), नील तिलापिया (ओरियोक्रोमिस निलोटिकस) और क्लारियास गैरीपिनस हैं। अन्य अहम प्रजाती की मछलियों में दिल्ली (वजीराबाद) में क्लारियस गैरीपिनस (थाई मांगुर) शामिल है।
उनकी संरचना के बारे में अध्ययनों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, "ये यमुना नदी में विदेशी प्रजातियों की मछलियों के समग्र प्रभुत्व का संकेत देते हैं।”
इस बीच, अधिकरण ने इस मुद्दे के समाधान के लिए सिफारिशें कीं, जिनमें मछली पकड़ने के अवैध उपकरणों पर प्रतिबंध लगाना, मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के दौरान निगरानी बढ़ाना, मछली पकड़ने के आंकड़ों का उचित रिकॉर्ड रखना, अनुष्ठानों के लिए विदेशी मछलियों को छोड़ने पर प्रतिबंध लगाना, निरंतर जल प्रवाह बनाए रखना, प्रदूषण की समस्या का समाधान करना और जागरूकता बढ़ाना समेत अन्य शामिल हैं।
इसने केंद्रीय जल शक्ति और मत्स्य पालन एवं पशुपालन मंत्रालयों के सचिवों से भी जवाब मांगा है।
मामले को आगे की कार्यवाही के लिए तीन मार्च को सूचीबद्ध किया गया है।
भाषा नोमान