जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव विधानसभा में पेश करने पर गर्व : उपमुख्यमंत्री चौधरी
शफीक रंजन
- 11 Nov 2024, 08:53 PM
- Updated: 08:53 PM
जम्मू, 11 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें केंद्र शासित प्रदेश के पहले विधानसभा सत्र में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की मांग वाला प्रस्ताव पेश करने पर गर्व है।
चौधरी ने कहा कि यह उन लोगों की इच्छा का प्रतिबिंब है जो अपनी जमीन और नौकरियों की सुरक्षा चाहते हैं।
यह प्रस्ताव सात नवंबर को विधानसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया था, जिसमें पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए केंद्र और जम्मू-कश्मीर के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच संवाद की मांग की गई है।
भाजपा सदस्यों ने पांच दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित कर नेशनल कांफ्रेंस सरकार द्वारा प्रस्ताव पारित करने का विरोध किया।
चौधरी ने यहां नेकां मुख्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि मैंने हाल में विशेष दर्जा बहाल करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है। यह हर उस व्यक्ति की इच्छा थी जो अपनी जमीन और नौकरी की सुरक्षा चाहता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा नेताओं ने मुझे ‘जयचंद’ कहा, मैं जम्मू के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें यह विशेष दर्जा चाहिए या नहीं? वे (भाजपा नेता) लोगों को गुमराह कर रहे हैं... हम सभी जानते हैं कि यह किसानों, मजदूरों और व्यापारियों सहित आम लोगों की मांग है, चाहे उनकी धार्मिक पहचान कुछ भी हो।’’
उपमुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि प्रस्ताव आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए वादे के अनुरूप है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनकी जमीन और नौकरियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था।
चौधरी ने कहा, ‘‘हमारे देश में एक दर्जन राज्य हैं जिन्हें विशेष दर्जा प्राप्त है...(बिहार के मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार अपने राज्य के लिए विशेष दर्जा चाहते थे, लेकिन भाजपा विधायकों ने (बिहार विधानसभा में) नाटक किया। हम उन्हें (भाजपा को) बेनकाब करेंगे क्योंकि हमारा प्रस्ताव जनहित में है।’’
भाषा शफीक