पड़ोसी राज्यों से नक्सलियों के आने की आशंका पर मप्र सरकार ने सीआरपीएफ की दो और बटालियन मांगी
नोमान संतोष
- 11 Nov 2024, 08:36 PM
- Updated: 08:36 PM
भोपाल, 11 नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार ने नक्सल प्रभावित बालाघाट क्षेत्र में दो सीमावर्ती राज्यों से सशस्त्र माओवादियों के आने की आशंका को देखते हुए वहां तैनाती के लिए केंद्र से सीआरपीएफ की दो अतिरिक्त बटालियन भेजने का अनुरोध किया है। राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि फिलहाल, राज्य में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तीन बटालियन तैनात हैं।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सीमावर्ती महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के मध्य प्रदेश में घुसपैठ की संभावना का आकलन किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीमा पर सुरक्षा और चौकसी बढ़ाने की इच्छुक है।
पुलिस महानिरीक्षक (बालाघाट जोन) संजय कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से सीआरपीएफ की दो और बटालियन को मंजूरी देने का अनुरोध करने की पुष्टि की है, जिनमें से प्रत्येक में 1,000 कर्मी होंगे।
बालाघाट जोन में नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडोरी शामिल हैं।
कुमार ने कहा, “हम सतर्क हैं। वे (नक्सली) छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से भागकर मध्य प्रदेश में प्रवेश कर सकते हैं। उन्होंने अपना विस्तार करने के लिए 2015-16 में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (एमएमसी) क्षेत्र बनाया था। हम सीमाओं पर कड़ी नजर रख रहे हैं।”
पुलिस अधिकारी ने बताया किया कि मध्य प्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के साथ अंतर-राज्यीय बैठकें कीं और संयुक्त अभियान चलाए, जो “बहुत तेज अंतर-राज्यीय समन्वय” को दर्शाता है।
मध्य प्रदेश की सीमा महाराष्ट्र के गोंदिया जिले से और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, खैरागढ़ और कवर्धा से लगती है।
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, “ गोंदिया, राजनांदगांव और बालाघाट (जीआरबी) विद्रोहियों के एमसीसी क्षेत्र का एक प्रभाग है। नए प्रभाग में मध्य प्रदेश के मंडला का कान्हा बाघ अभयारण्य, छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले का भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य शामिल है, जिसे केबी नाम दिया गया है।”
भाषा नोमान