जलवायु वार्ता ‘विनाश के रास्ते’ से दूर जाने के आह्वान के साथ शुरू हुई, वित्त मुख्य मुद्दा
एपी धीरज माधव
- 11 Nov 2024, 06:48 PM
- Updated: 06:48 PM
बाकू(अजरबैजान), 11 नवंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक जलवायु वार्ता सोमवार को तीव्र राजनीतिक परिवर्तन, वैश्विक युद्ध और आर्थिक कठिनाइयों की पृष्ठभूमि में शुरू हुई तथा त्वरित सहयोग और वादों के साथ सबसे कठिन मुद्दे वित्तीय मदद पर केंद्रित होती नजर आई।
अजरबैजान के बाकू में दुनिया का पहला तेल कुआं खोदा गया था। यहां पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु पर वार्षिक वार्ता सीओपी29 का दो सप्ताह तक सत्र चलेगा। इस दौरान केंद्र में एक नए समझौते पर पहुंचना होगा जिसमें जलवायु परिवर्तन को रोकने और उससे अनुकूलन के लिए सैकड़ों अरबों या यहां तक कि खरबों अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष अमीर देशों से गरीब देशों को देने का प्रावधान होगा।
यह धनराशि विकासशील देशों को उनकी ऊर्जा प्रणालियों को ग्रह को गर्म करने वाले जीवाश्म ईंधनों से हटाकर स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाने, अमीर देशों से होने वाले कार्बन प्रदूषण से होने वाली जलवायु आपदाओं की भरपाई करने तथा भविष्य में चरम मौसम के अनुकूल ढलने में मदद करने के लिए होगी।
सीओपी29 के नये अध्यक्ष मुख्तार बाबायेव ने कहा, ‘‘ये संख्याएं बड़ी लग सकती हैं, लेकिन निष्क्रियता की लागत की तुलना में ये कुछ भी नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीओपी29 पेरिस समझौते के लिए अहम क्षण है जिसने 2015 में पूर्व-औद्योगिक समय से तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक सीमित रखने का लक्ष्य निर्धारित किया था।’’
यूरोपीय जलवायु सेवा कोपरनिकस द्वारा इस साल के शुरू में की गई भविष्यवाणी के मुताबिक 2024 में धरती 1.5 डिग्री तापमान वृद्धि की ओर अग्रसर है और यह मानव सभ्यता का सबसे गर्म वर्ष बनने जा रहा है। लेकिन पेरिस समझौते में 1.5 डिग्री का लक्ष्य तापमान वृद्धि के एक वर्ष के बजाय दशकों के बारे में है।
बाबायेव ने कहा कि तूफान, सूखा और बाढ़ जैसी आपदाओं के रूप में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पहले से ही मौजूद हैं और विनाशकारी हैं।
बाबायेव ने कहा, ‘‘हम विनाश की राह पर हैं। चाहे आप उन्हें देखें या न देखें, लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। वे जान गंवा रहे हैं और और उन्हें करुणा से ज्यादा की जरूरत है। प्रार्थनाओं और कागजी कार्रवाई से आगे की जरूरत है। वे नेतृत्व और कार्रवाई के लिए पुकार रहे हैं। सीओपी29 हर किसी के लिए आगे की नई राह तैयार करने का एक अविस्मरणीय क्षण है।’’
संयुक्त राष्ट्र जलवायु के सचिव साइमन स्टील का घर कैरियाकौ द्वीप पर है जहां इस साल के शुरुआत में बेरिल तूफान की वजह से तबाही आई थी। उन्होंने अपनी पड़ोसी, 85 वर्षीय फ्लोरेंस की कहानी ‘‘इस मुसीबत से बाहर निकलने का रास्ता’’ खोजने के संदर्भ में साझा की।
स्टील ने कहा, ‘‘फ्लोरेंस का घर ध्वस्त हो गया था लेकिन उसने एक बात पर ध्यान केंद्रित किया कि अपने परिवार और अपने समुदाय के लिए मजबूत रहना है। पृथ्वी पर हर देश में फ्लोरेंस जैसे लोग हैं। गिराए गए, और फिर से उठ खड़े हुए। यही वह बात है जो दुनिया को जलवायु परिवर्तन के साथ करनी चाहिए, खासकर वित्त मुहैया कराने के मामले में।’’
स्टील ने कहा, ‘‘आइये इस विचार को त्याग दें कि जलवायु वित्त पोषण एक परमार्थ कार्य है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक महत्वाकांक्षी नया जलवायु वित्त पोषण लक्ष्य पूरी तरह से हर देश के हित में है, जिसमें सबसे बड़े और सबसे धनी देश भी शामिल हैं’’ क्योंकि यह भविष्य में तापमान को पांच डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से रोकेगा, जहां तक दुनिया जलवायु परिवर्तन से लड़ने से पहले जा रही थी।
एपी धीरज