ग्रामीण बाजार के बल पर छोटी कारों की बिक्री में गिरावट थामने में मिली मदद : मारुति
अनुराग अजय
- 11 Nov 2024, 06:32 PM
- Updated: 06:32 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि ग्रामीण बाजार में सुधार से शुरुआती स्तर की छोटी कारों की बिक्री में गिरावट को थामने में मदद मिली है। इस खंड में पिछले महीने खुदरा बिक्री में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
कंपनी ने अपनी कॉम्पैक्ट सेडान डिजायर का बिल्कुल नया संस्करण पेश किया है। इसकी दिल्ली शोरूम में कीमत 6.79 लाख रुपये से 10.14 लाख रुपये तक है।
कंपनी स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) खंड की तेज वृद्धि के बावजूद सेडान खंड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर उत्साहित है। कंपनी का कहना है कि वह घरेलू बाजार में अपनी उच्च हिस्सेदारी को बनाए रखने के लिए सभी खंडों की मांग को पूरा करना जारी रखेगी।
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेउची ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एसयूवी खंड में वृद्धि हो रही है, लेकिन बाजार में ज्यादा हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए अन्य खंड भी महत्वपूर्ण हैं।
ताकेउची ने कहा, “कॉम्पैक्ट सेडान खंड बहुत विश्वसनीय है। इसलिए कारोबार के दृष्टिकोण से यह बहुत अच्छा है और दूसरी बात यह है कि अच्छी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए हमें प्रत्येक ग्राहक खंड में उपस्थिति बनानी होगी।”
एमएसआई के पास वर्तमान में कुल घरेलू यात्री वाहन बाजार में 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। खुदरा बिक्री के मामले में कंपनी ने अक्टूबर में 2.02 लाख इकाइयों के साथ अपना अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। सेडान खंड में मारुति सुजुकी की बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा है।
प्रवेश स्तर पर कॉम्पेक्ट-सेडान खंड में एमएसआई की बाजार हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर के दौरान 61 प्रतिशत रही है। इस खंड में होंडा अमेज और हुंदै ऑरा समेत अन्य गाड़ियां भी हैं।
सेडान खंड की हिस्सेदारी फिलहाल कुल यात्री वाहन बिक्री में आठ प्रतिशत है। मारुति सुजुकी के मामले में सेडान की हिस्सेदारी कुल बिक्री में 10 प्रतिशत है।
एमएसआई के वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) पार्थो बनर्जी ने कहा कि कंपनी का प्रयास सभी ग्राहक वर्ग को सेवा प्रदान करना है।
भाषा अनुराग