दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल से 10 हजार बस मार्शल को स्थायी करने की अपील की: आतिशी
राजकुमार संतोष
- 11 Nov 2024, 06:29 PM
- Updated: 06:29 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार 10,000 बस मार्शल को उनके पदों पर स्थायी रूप से बहाल करने के लिए नीति तैयार करने के लिए उपराज्यपाल वी के सक्सेना को प्रस्ताव भेज रही है।
उन्होंने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि बस मार्शल को हटाने से सरकारी परिवहन बसों में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को मंत्रियों की बैठक के दौरान परिवहन आयुक्त ने संकेत दिया कि बस मार्शल की बहाली उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में है, क्योंकि यह सेवा संबंधी विषय है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ‘जो जहां है, वहीं रहे’के आधार पर प्रस्ताव पर आगे बढ़ रही है, जबकि वह उपराज्यपाल से एक नीति का इंतजार कर रही है।
आतिशी ने कहा, ‘‘ दिल्ली सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है और वह मार्शल की तनख्वाह के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन प्रदान करेगी।’’
उन्होंने आशंका व्यक्त की कि उपराज्यपाल इस मामले का स्थायी समाधान लाने में ‘महीनों या साल भी ले’ सकते हैं।
प्रेसवार्ता में मौजूद दिल्ली के स्वास्थ्य एवं शहरी विकास मंत्री विकास भारद्वाज ने इस मामले से निपटने के उपराज्यपाल के तौर-तरीके की आलोचना की और कहा कि इस विषय से तत्परता से निपटा जाना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त परिवहन अधिकारी ने इस मुद्दे को ‘आरक्षित’ विषय के रूप में वर्गीकृत किया है, जिससे राज्य की तत्काल कार्रवाई करने की क्षमता सीमित हो गई है।
भारद्वाज ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल के अबतक के रवैये को देखते हुए, हमें एक स्थायी नीति के निर्माण में काफी देरी की आशंका है, यही वजह है कि हम मार्शल को ‘जो जहां है, वहीं रहे’ के आधार पर बहाल करने के लिए एक अंतरिम समाधान पर जोर दे रहे हैं।’’
बस मार्शल के रूप में तैनात 10,000 से अधिक ‘सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (सीडीवी)’ को हटाने का निर्णय नागरिक सुरक्षा निदेशालय की आपत्ति के कारण लिया गया।
निदेशालय ने तर्क दिया कि इन ‘वॉलंटियर्स’ को मूल रूप से आपदा प्रबंधन कर्तव्यों के लिए नियुक्त किया गया था, न कि सार्वजनिक परिवहन सुरक्षा के लिए।
भाषा
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