ओडिशा: वक्फ विधेयक पर जेपीसी ने हितधारकों के साथ बैठक की
नोमान नेत्रपाल
- 11 Nov 2024, 05:32 PM
- Updated: 05:32 PM
भुवनेश्वर, 11 नवंबर (भाषा) वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार को यहां विभिन्न हितधारकों के साथ सुनवाई शुरू की।
समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बताया कि शुरुआत में जेपीसी ने ओडिशा सरकार, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, राज्य वक्फ बोर्ड, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य विभिन्न हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हितधारकों ने प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर अपनी राय दी है। हमारी संयुक्त संसदीय समिति विचारों का परीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट में सामग्री को शामिल करेगी।”
पाल ने कहा कि ओडिशा के हितधारकों की बात सुनना जेपीसी की जिम्मेदारी है और वह ऐसा कर रही है। बैठक में विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “कोई शामिल हुआ है या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।”
उन्होंने कहा कि समिति संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के अंतिम कार्य दिवस तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंप देगी।
जेपीसी के विपक्षी सदस्यों ने इस दौरे का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। उनका आरोप था कि समिति के अध्यक्ष मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं तथा दौरा स्थगित करने के उनके अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया गया।
जेपीसी के सदस्य दिलीप सैकिया ने बताया कि इस वर्ष अगस्त में जेपीसी के गठन के बाद से समिति ने केवल दिल्ली में 25 औपचारिक बैठकों में विभिन्न हितधारकों के साथ 100 घंटे से अधिक समय तक चर्चा की है।
उन्होंने कहा, “हमने वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोगों और मुस्लिम संस्थानों/संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों से विचार एवं सुझाव लिए हैं।”
सांसद ने कहा कि समिति ने कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात समेत विभिन्न राज्यों के दौरे का अपना पहला चरण पूरा कर लिया है। सैकिया ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने शनिवार को गुवाहाटी से शुरू हुए दूसरे चरण के दौरे का बहिष्कार किया है, जो “दुर्भाग्यपूर्ण” है।
उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्तियों के उचित प्रबंधन, गरीब मुसलमानों को सशक्त बनाने और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को इसका लाभ देने के लिए जवाबदेह होना चाहिए।”
सैकिया ने कहा कि जेपीसी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपेगी, चाहे विपक्षी सदस्य बैठकों में भाग लें या नहीं।
समिति की अन्य सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा, “भारत में लगभग 38 लाख एकड़ भूमि वक्फ बोर्ड के नियंत्रण में है। हमें शासन प्रणाली और प्रशासन को सुधारने की जरूरत है।”
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि समिति भुवनेश्वर से कोलकाता के लिए रवाना होगी और फिर पटना तथा लखनऊ का दौरा करेगी।
भाषा
नोमान